30 महीने में 25 बार मां बनी महिला: आगरा की अजब-गजब कहानी ने सबको चौंकाया
हैरान करने वाला मामला आया सामने आया जिसने इस कहानी को सुनने के लिए हर किसी को मजबूर कर दिया, आखिर एक महिला तीस महीने में पच्चीस बार मां कैसे बन सकती हैं..?

आगरा, उत्तर प्रदेश: "कोख से कमाई का अनोखा खेल" - यह शीर्षक भले ही फिल्मी लगे, लेकिन यूपी के आगरा में सामने आए एक हैरान करने वाले मामले ने इसे सच साबित कर दिखाया है। यहां फतेहाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में एक 32 साल की महिला ने महज 30 महीने (ढाई साल) के भीतर 25 बार मां बनने का दावा किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस महिला की पांच बार नसबंदी भी हो चुकी है, लेकिन फिर भी यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा। यह मामला न सिर्फ चिकित्सा जगत के लिए पहेली बन गया है, बल्कि एक बड़े सामाजिक और प्रशासनिक घोटाले की ओर भी इशारा कर रहा है।
कैसे शुरू हुई यह अनोखी कहानी?
यह सनसनीखेज मामला तब सामने आया जब फतेहाबाद CHC के रिकॉर्ड्स की जांच शुरू हुई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को एक ही महिला का नाम बार-बार प्रसव सूची में दिखाई दिया। जांच में पता चला कि यह महिला पिछले ढाई साल में 25 बार अस्पताल पहुंची और हर बार उसने बच्चे को जन्म देने का दावा किया। हैरानी की बात यह है कि महिला ने अपनी पहचान छिपाने के लिए अलग-अलग आधार कार्ड और दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। सूत्रों के मुताबिक, उसने हर बार प्रसव के बाद सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली आर्थिक मदद का लाभ भी उठाया।
पांच बार नसबंदी, फिर भी नहीं रुका सिलसिला
मामले की गहराई में जाने पर एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। इस महिला की पांच बार नसबंदी हो चुकी है, जो कागजों में दर्ज है। लेकिन हर बार नसबंदी के बाद भी वह गर्भवती होने का दावा करती रही और अस्पताल में प्रसव के लिए पहुंचती रही। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह चिकित्सकीय रूप से असंभव है। इससे संदेह पैदा होता है कि क्या यह महिला वास्तव में हर बार गर्भवती थी, या फिर यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था?
कोख से कमाई का खेल?
प्रारंभिक जांच में अधिकारियों को शक है कि यह महिला और उसके साथी एक बड़े रैकेट का हिस्सा हो सकते हैं। माना जा रहा है कि सरकारी योजनाओं जैसे जननी सुरक्षा योजना और अन्य मातृत्व लाभ योजनाओं से पैसे कमाने के लिए फर्जी प्रसव के दावे किए गए। हर प्रसव के बाद मिलने वाली राशि, जो करीब 1400 से 2000 रुपये तक होती है, को हड़पने के लिए यह खेल रचा गया। इसके अलावा, नवजात शिशुओं के जन्म प्रमाणपत्र बनवाकर उन्हें बेचने की आशंका भी जताई जा रही है, हालांकि इसकी पुष्टि के लिए अभी जांच जारी है।
स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप, शुरू हुई जांच
इस मामले के सामने आने के बाद आगरा के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने तुरंत एक जांच कमेटी गठित की है, जो इस बात की तह तक जाने की कोशिश कर रही है कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर यह धोखाधड़ी कैसे हो सकती थी। CHC के कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है, क्योंकि बिना उनकी मिलीभगत के यह संभव नहीं लगता। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस रैकेट के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा।
लोगों के बीच चर्चा का विषय
आगरा के स्थानीय लोग इस घटना से हैरान हैं। कोई इसे चमत्कार मान रहा है तो कोई इसे सरकारी सिस्टम की नाकामी बता रहा है। सोशल मीडिया पर भी यह खबर तेजी से वायरल हो रही है। एक यूजर ने लिखा, "30 महीने में 25 बच्चे? यह तो गिनीज बुक में नाम दर्ज करने वाली बात है!" वहीं, कुछ लोग इसे गरीबी और लालच का नतीजा मान रहे हैं।
आगे क्या?
फिलहाल पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें इस मामले की गहन जांच कर रही हैं। महिला से पूछताछ जारी है और उसके दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि क्या यह अकेली महिला का कारनामा है या इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह काम कर रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें।
यह घटना न सिर्फ आगरा बल्कि पूरे देश के लिए एक सबक है कि सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग रोकने के लिए सख्त निगरानी और पारदर्शिता की जरूरत है। क्या यह कोख से कमाई का खेल है या कोई बड़ी साजिश? इसका जवाब जांच पूरी होने के बाद ही मिलेगा। तब तक यह अजब कहानी सबके लिए कौतूहल का विषय बनी रहेगी।