RAS मुक्ता राव पर सुसाइड नोट में गंभीर आरोप,जयपुर में बिजनेसमैन भरत कुमार की आत्महत्या 

जयपुर में 18 अप्रैल 2025 को बिजनेसमैन भरत कुमार ने रॉयल ग्रीन सोसाइटी अपार्टमेंट की 14वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। उनके सुसाइड नोट में आरएएस अधिकारी मुक्ता राव और उनके पति पर 18.60 लाख रुपये के बकाया भुगतान और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए गए। मुक्ता राव ने आरोपों को साजिश बताकर खारिज किया और निष्पक्ष जांच की मांग की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की, जिसमें सीसीटीवी फुटेज और इकरारनामे की पड़ताल की जा रही है। यह घटना आर्थिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को उजागर करती है।

RAS मुक्ता राव पर सुसाइड नोट में गंभीर आरोप,जयपुर में बिजनेसमैन भरत कुमार की आत्महत्या 

जयपुर, राजस्थान की राजधानी, में 18 अप्रैल 2025 को एक दुखद घटना ने शहर को हिलाकर रख दिया। बिजनेसमैन भरत कुमार ने सिरसी रोड पर स्थित रॉयल ग्रीन सोसाइटी अपार्टमेंट की 14वीं मंजिल से कथित तौर पर कूदकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने उनके परिवार, दोस्तों और स्थानीय समुदाय को सदमे में डाल दिया। मामला तब और जटिल हो गया जब पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें भरत कुमार ने आरएएस (राजस्थान प्रशासनिक सेवा) अधिकारी मुक्ता राव और उनके पति पर गंभीर आरोप लगाए।

### घटना का विवरण
18 अप्रैल 2025 की सुबह करीब 11 बजे, जयपुर के सिरसी रोड पर रॉयल ग्रीन सोसाइटी अपार्टमेंट में रहने वाले 38 वर्षीय भरत कुमार ने अपनी जान ले ली। भरत कुमार सीकर रोड पर रहते थे और पेशे से कारपेंटर और आर्किटेक्ट थे। वे डिजाइनिंग और निर्माण कार्यों से जुड़े थे। उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी, और दो बेटे हैं। पुलिस के अनुसार, भरत ने 14वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या की, और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई।

घटनास्थल पर पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला, जो भरत ने अपनी कंपनी के लेटरहेड पर लिखा था। इस नोट में उन्होंने मुक्ता राव और उनके पति पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें भुगतान न करने और मानसिक उत्पीड़न का दावा किया गया। नोट में लिखा था कि इन कारणों से वे गहरे आर्थिक और मानसिक तनाव में थे।

### सुसाइड नोट में क्या लिखा था?
सुसाइड नोट में भरत कुमार ने अपनी व्यथा और हताशा को विस्तार से व्यक्त किया। नोट के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:

- मुक्ता राव पर आरोप: भरत ने लिखा कि उन्होंने मुक्ता राव के घर का निर्माण और डिजाइनिंग का काम किया था। उनके दावे के अनुसार, 14 अप्रैल को मुक्ता राव के घर का मुहूर्त हो चुका था, और उन्होंने अतिरिक्त कार्य भी किए। हालांकि, उनके 39.60 लाख रुपये के बिल में से केवल 21 लाख रुपये का भुगतान किया गया, और बाकी 18.60 लाख रुपये बकाया थे।
- आर्थिक संकट और अपमान: भरत ने लिखा कि वे अपने वेंडरों और दुकानदारों को पैसे देने में असमर्थ थे, क्योंकि मुक्ता राव ने उनका हिसाब नहीं किया। इससे वे रोज़ाना अपमान और तनाव का सामना कर रहे थे। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनके पास "जहर खाने तक के पैसे नहीं थे।"
- विश्वास का दुरुपयोग: भरत ने दावा किया कि उन्होंने मुक्ता राव के कहने पर 1200 रुपये प्रति स्क्वायर फीट की दर से तय कार्य को 2000-2200 रुपये प्रति स्क्वायर फीट की गुणवत्ता के साथ पूरा किया। इसके लिए उन्होंने अपनी पत्नी के गहने गिरवी रखे और बाजार से उधार लिया, लेकिन भुगतान न होने से उनकी सारी उम्मीदें टूट गईं।
- सामाजिक दबाव: नोट में भरत ने लिखा कि रॉयल ग्रीन सोसाइटी में उनके वेंडर और दुकानदार उनकी बेइज्जती करने के लिए तैयार थे, जिससे वे और अधिक मानसिक तनाव में थे।

भरत ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने मुक्ता राव के घर जाकर भुगतान के लिए अनुरोध किया था, और वहां लगे सीसीटीवी कैमरों में उनकी बातचीत रिकॉर्ड होनी चाहिए।

### मुक्ता राव का पक्ष
आरएएस अधिकारी मुक्ता राव ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया और इसे उनके खिलाफ एक सुनियोजित साजिश बताया। उनके बयान के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:

- इकरारनामा और भुगतान: मुक्ता राव ने दावा किया कि 3 अक्टूबर 2025 को भरत कुमार के साथ उनके मकान के सुधार कार्य के लिए एक इकरारनामा हुआ था, जिसमें कुल 21.80 लाख रुपये का कार्य तय हुआ था। उन्होंने कहा कि इस इकरारनामे के अनुसार सभी भुगतान समय पर कर दिए गए थे।
- ब्लैकमेलिंग का आरोप: मुक्ता राव ने इस घटना को उन्हें बदनाम करने और ब्लैकमेल करने का एक आपराधिक षड़यंत्र करार दिया। उन्होंने भरत के आरोपों को झूठा और आधारहीन बताया।
- कानूनी कार्रवाई की मांग: मुक्ता राव ने पुलिस से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।

### परिवार और पुलिस की प्रतिक्रिया
भरत कुमार के परिवार ने बिंदायका थाने में मुक्ता राव और उनके पति के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कराया। परिवार का कहना है कि भरत की मृत्यु के लिए मुक्ता राव और उनके पति जिम्मेदार हैं, क्योंकि उनके द्वारा भुगतान न करने के कारण भरत गहरे मानसिक और आर्थिक संकट में थे।

पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज, इकरारनामे, और अन्य सबूतों की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि भरत के आरोपों में कितनी सच्चाई है। पुलिस ने पुष्टि की कि भरत का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, और जांच के बाद ही मामले की पूरी तस्वीर स्पष्ट होगी।

भरत कुमार के परिवार ने सरकार और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। यह मामला प्रशासनिक जवाबदेही, आर्थिक शोषण, और मानसिक स्वास्थ्य जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करता है।

### निष्कर्ष
जयपुर में भरत कुमार की आत्महत्या और उनके सुसाइड नोट में आरएएस अधिकारी मुक्ता राव पर लगाए गए आरोपों ने एक गंभीर बहस को जन्म दिया है। जहां भरत का परिवार और समर्थक सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, वहीं मुक्ता राव ने इसे साजिश करार दिया है। पुलिस जांच और सबूत इस मामले का अंतिम परिणाम तय करेंगे। यह घटना समाज में आर्थिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।