आनंदपाल एनकाउंटर केस: पुलिस के खिलाफ ACJM सीबीआई कोर्ट ने लिया प्रसंज्ञान

राजस्थान के चर्चित आनंदपाल सिंह एनकाउंटर केस में अब एक नया मोड़ सामने आया है। इस मामले में अब ACJM सीबीआई कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ ही प्रसंज्ञान लिया है। ये वही पुलिसकर्मी हैं जो आनंदपाल सिंह एनकाउंटर में शामिल थे। कोर्ट की ओर से सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया गया है, जिस पर कोर्ट ने कुछ सवाल भी खड़े किए हैं।

आनंदपाल एनकाउंटर केस: पुलिस के खिलाफ ACJM सीबीआई कोर्ट ने लिया प्रसंज्ञान
आनंदपाल एनकाउंटर केस: पुलिस के खिलाफ ACJM सीबीआई कोर्ट ने लिया प्रसंज्ञान

जोधपुर : राजस्थान के चर्चित आनंदपाल सिंह एनकाउंटर केस में अब एक नया मोड़ सामने आया है। इस मामले में अब ACJM सीबीआई कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ ही प्रसंज्ञान लिया है। ये वही पुलिसकर्मी हैं जो आनंदपाल सिंह एनकाउंटर में शामिल थे। कोर्ट की ओर से सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया गया है, जिस पर कोर्ट ने कुछ सवाल भी खड़े किए हैं।

कोर्ट का आदेश

कोर्ट ने एनकाउंटर में शामिल 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा चलाने और जांच के आदेश दिए हैं। आपको बता दें, आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर साल 2017 में हुआ था। जबकि इस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए परिवार की ओर से केस दर्ज करवाया गया था। कोर्ट ने बुधवार (24 जुलाई) को एनकाउंटर में शामिल तत्कालीन चूरू एसपी राहुल बारहट, तत्कालीन एडिशनल एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़, आरएसी हैड कांस्टेबल कैलाश के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है. 

परिवार की चुनौती

आनंदपाल की पत्नी राजकंवर और रुपिंदर सिंह की ओर से वकील भंवर सिंह राठौड़ ने कोर्ट में फर्जी एनकाउंटर को लेकर चैलेंज किया था। वहीं सीबीआई ने इस मामले में कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट सौंपी थी। साथ ही इसमें कोई फर्जी एनकाउंटर को लेकर एविडेंस नहीं होने की बात कही गई थी।

कौन था आनंदपाल

आनंदपाल सिंह राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील के छोटे से गांव का था. जिस पर हत्या, लूट, वसूली और गैंगवार के करीब 24 मामले दर्ज थे. बताया जाता है कि वह अपराध की दुनिया का किंग बनना चाहता था. इस वजह से उसकी विरोधियों के साथ गैंगवार होती रही.

बताया जाता है कि साल 2006 में उसने अपराध की दुनिया में प्रवेश किया ता. जब उसने डीडवाना में जीवनराम गोदरा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद सीकर में हुए गोपाल फोगावट हत्याकांड में भी उसका हाथ बताया जाता है. 

कोर्ट के सवाल

हालांकि, मौका-ए-वारदात का नक्शा पेश नहीं किए जाने पर कोर्ट ने आदेश दिया था। कोर्ट ने सीबीआई की रिपोर्ट में कई खामियों को उजागर किया और इस बात पर जोर दिया कि सभी एविडेंस को समुचित तरीके से प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

अब कोर्ट के आदेशानुसार, पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की प्रक्रिया शुरू होगी और इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या मोड़ आते हैं और न्याय की प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती है।