ऑस्ट्रेलिया की ‘सॉन्गलाइन’ प्रदर्शनी जयपुर में: सात बहनों की कहानी को डिजिटल रूप में जानने का मौका
ऑस्ट्रेलिया के नेशनल म्यूजियम की अद्वितीय डिजिटल प्रदर्शनी “सॉन्गलाइन” का आयोजन राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर में हो रहा है। जानिए सात बहनों की प्राचीन ड्रीमिंग ट्रैक्स की कहानी।

जयपुर/ममता कुमारी : ऑस्ट्रेलिया के प्राचीन आदिवासी इतिहास और संस्कृति की झलक दिखाने वाली एक अद्वितीय डिजिटल प्रदर्शनी “सॉन्गलाइन” का आयोजन राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (RIC), जयपुर में किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी 23 जनवरी से 18 फरवरी 2025 तक चलेगी।
ऑस्ट्रेलिया के नेशनल म्यूजियम का प्रमुख आयोजन
यह प्रदर्शनी “नेशनल म्यूजियम ऑफ ऑस्ट्रेलिया” में स्थापित “सॉन्गलाइन्स: ट्रैकिंग द सेवन सिस्टर्स” के एक प्रमुख भाग पर आधारित है। इसने पहले ही मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर, और कोलकाता में दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है।
आदिवासी संस्कृति और कला का अनोखा प्रदर्शन
प्रदर्शनी में सात बहनों की प्राचीन ड्रीमिंग ट्रैक्स की कहानी को कला, आदिवासी आवाज़ों, नवीनतम मल्टीमीडिया तकनीक, और इमर्सिव डिस्प्ले के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। इसमें 100 से अधिक कलाकारों का योगदान है, जो आदिवासी संस्कृति और परंपराओं की गहरी झलक प्रदान करते हैं।
साझेदारी और सहयोग
यह आयोजन ऑस्ट्रेलियाई हाई कमीशन, राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के सहयोग से हो रहा है।
ऑस्ट्रेलिया के हाई कमीशनर टू इंडिया, फिलिप ग्रीन ने इस अवसर पर कहा, “ऑस्ट्रेलिया दुनिया की सबसे पुरानी सतत संस्कृति का घर है। हमें खुशी है कि यह अनोखी प्रदर्शनी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का हिस्सा बन रही है।”
राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के निदेशक निहाल चंद गोयल ने कहा, “हम इस प्रतिष्ठित प्रदर्शनी का आयोजन कर गर्व महसूस कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि राजस्थान के लोग इस डिजिटल अनुभव का आनंद लेंगे।”
वैश्विक साझेदारी का प्रतीक
यह प्रदर्शनी नेशनल म्यूजियम ऑफ ऑस्ट्रेलिया और मॉस्टर स्टूडियो की साझेदारी में बनाई गई है। इसे पारंपरिक आदिवासी संरक्षकों और ज्ञान धारकों का समर्थन प्राप्त है। साथ ही, ऑस्ट्रेलिया के विदेश मामलों और व्यापार विभाग, सेंटर फॉर ऑस्ट्रेलिया इंडिया रिलेशंस, डीकिन यूनिवर्सिटी, टाटा ब्लूस्कोप स्टील, और ANZ बैंक जैसे प्रमुख संगठनों का भी सहयोग मिला है।
जयपुर और आसपास के क्षेत्र के लोगों के लिए यह एक सुनहरा मौका है कि वे इस अनूठी प्रदर्शनी का हिस्सा बनें और ऑस्ट्रेलिया की प्राचीन संस्कृति को करीब से जानें।