बाड़मेर में गूंजा 'जय श्रीराम': घोड़ों और रथों के साथ निकली भव्य शोभायात्रा
बाड़मेर में रविवार, 6 अप्रैल 2025 को भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में घोड़ों और रथों के साथ एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। केसरिया साफा पहने युवक-युवतियों ने इसमें हिस्सा लिया। हाई स्कूल मैदान में नन्हे राम को पूर्व मंत्री कैलाश चौधरी ने गोद में लिया, जबकि विधायक प्रियंका चौधरी और आदूराम मेघवाल ने आशीर्वाद लिया। 'जय श्रीराम' के नारों से शहर गूंज उठा। शोभायात्रा का जगह-जगह फूलों से स्वागत हुआ और भगवा ध्वज लहराते युवाओं ने भक्ति का माहौल बनाया।

बाड़मेर, 6 अप्रैल 2025: रविवार को बाड़मेर शहर भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के उत्साह में डूब गया। इस मौके पर घोड़ों और रथों के साथ एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें केसरिया साफा पहने युवक-युवतियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। हाई स्कूल मैदान से शुरू हुई इस शोभायात्रा में भगवा ध्वज थामे सैकड़ों युवा 'जय श्रीराम, जय श्रीराम' के उद्घोष के साथ शहर की गलियों में उत्साह बिखेरते नजर आए। पूरे शहर में एक ही नारा गूंज रहा था, जिसने भक्ति और उल्लास का माहौल बना दिया।
नन्हे राम बने आकर्षण का केंद्र
हाई स्कूल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में भगवान राम के रूप में सजे एक नन्हे बच्चे ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। पूर्व मंत्री कैलाश चौधरी ने इस नन्हे राम को गोद में लेकर आशीर्वाद लिया, जिसके बाद बाड़मेर विधायक प्रियंका चौधरी और चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल भी उनके पास पहुंचे। वहां मौजूद हर व्यक्ति इस प्यारे से राम को देखने के लिए उत्साहित और लालायित दिखाई दिया। बच्चे की मासूमियत और भक्ति का यह संगम सभी के लिए एक यादगार पल बन गया।
फूलों से स्वागत, जगह-जगह सजाए गए द्वार
शोभायात्रा के मार्ग को खास बनाने के लिए जगह-जगह आकर्षक द्वार बनाए गए थे। स्थानीय लोगों ने फूल बरसाकर शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया। घोड़ों और रथों पर सवार प्रतिभागियों के साथ चल रही यह यात्रा भगवान राम के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बन गई। शोभायात्रा में शामिल युवाओं का जोश और भगवा ध्वजों की लहर देखते ही बनती थी।
शहर में छाया भक्ति का रंग
यह शोभायात्रा न केवल धार्मिक उत्सव का हिस्सा थी, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव का भी प्रदर्शन करती थी। 'एक ही नारा, एक ही नाम- जय श्रीराम' के उद्घोष ने बाड़मेर की फिजाओं को भक्तिमय बना दिया। इस आयोजन ने शहरवासियों को एक सूत्र में बांधते हुए भगवान राम के जीवन मूल्यों को याद करने का अवसर प्रदान किया।