"बाड़मेर में मवेशी की वजह से स्कॉर्पियो पलटी: सरकारी टीचर और दोस्त की दर्दनाक मौत, 4 घायल"
बाड़मेर के नेशनल हाईवे-68 पर कुर्जा फांटा के पास 18 अप्रैल 2025 को दोपहर 3:30 बजे एक स्कॉर्पियो गाड़ी सड़क पर अचानक आई बकरी के कारण अनियंत्रित होकर पलट गई।

बाड़मेर, 18 अप्रैल 2025: राजस्थान के बाड़मेर जिले में नेशनल हाईवे-68 पर एक दुखद हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। सदर थाना इलाके के कुर्जा फांटा के पास शुक्रवार दोपहर करीब 3:30 बजे एक स्कॉर्पियो गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे का कारण सड़क पर अचानक आई एक बकरी बताई जा रही है, जिसे बचाने की कोशिश में गाड़ी बेकाबू हो गई। इस भीषण हादसे में सरकारी टीचर मुकेश (30) और उनके दोस्त फूसाराम (30) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे का भयावह मंजर
प्रत्यक्षदर्शी बिराजड़ निवासी कलाराम ने बताया, "मैं चौहटन से बाड़मेर शहर की ओर जा रहा था। तभी कुर्जा फांटा के पास स्कॉर्पियो के सामने अचानक बकरी आ गई। ड्राइवर ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। गाड़ी का गेट खुलने से दो लोग सड़क पर गिर गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।" कलाराम ने बताया कि स्थानीय लोगों ने तुरंत घायलों को गाड़ी से निकाला और जिला अस्पताल पहुंचाया। हादसे में स्कॉर्पियो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
मृतकों और घायलों की जानकारी
डीएसपी रमेश कुमार शर्मा ने बताया कि हादसे में मृतक मुकेश (30) एक सरकारी टीचर थे, जो राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल, पुरावा में तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। वह शादीशुदा थे और उनके दो बच्चे हैं। दूसरा मृतक फूसाराम (30) बस ड्राइवर था। घायलों में फूसाराम के परिवार के सदस्य पुरखाराम (55), हनुमानराम (15), डालूराम (40) और एक वृद्ध महिला रामू (70) शामिल हैं। सभी घायलों को बाड़मेर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
हादसे की पृष्ठभूमि
जानकारी के अनुसार, ये सभी लोग एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। खास तौर पर, घायल रामू के पति पदमाराम की करीब 20 दिन पहले मृत्यु हो गई थी। उनके पीहर पक्ष के लोग उन्हें ससुराल से मायके ले जा रहे थे। इस दौरान यह हादसा हो गया। डीएसपी शर्मा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मवेशी के सड़क पर आने को हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है, लेकिन मामले की गहन जांच की जा रही है। दोनों शवों को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है, और परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।
स्थानीय लोगों का योगदान
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए राहत कार्य शुरू किया। घायलों को निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर क्षतिग्रस्त गाड़ी को हाईवे से हटवाया और यातायात व्यवस्था बहाल की।
मवेशियों से हादसों का बढ़ता खतरा
यह हादसा बाड़मेर में सड़कों पर आवारा मवेशियों की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं की गंभीर समस्या को फिर से उजागर करता है। नेशनल हाईवे-68, जो पंजाब से गुजरात को जोड़ता है, पर आए दिन मवेशियों के कारण हादसे हो रहे हैं। हाल ही में, बाड़मेर के सदर थाना इलाके में ही एक अन्य हादसे में स्कॉर्पियो ने बाइक को टक्कर मारी थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
परिवारों पर छाया मातम
मुकेश की मौत से उनके परिवार में मातम छा गया है। तीन साल पहले ही वह सरकारी टीचर बने थे और अपने परिवार के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद जगा रहे थे। फूसाराम भी अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला था। इस हादसे ने दोनों परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है।