बाड़मेर में पंचायतों के पुनर्गठन की नई लहर: आज रात 8 बजे तक लिस्ट जारी होने की उम्मीद

बाड़मेर जिले में पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से तैयार सूची पर सबकी नजरें टिकी हैं। आज रात 8 बजे तक सूची जारी होने की संभावना है, जिस पर कलेक्टर टीना डाबी हस्ताक्षर कर रही हैं। इस पुनर्गठन के तहत बाड़मेर में 250 से अधिक नई ग्राम पंचायतें और 8 नई पंचायत समितियां बनने की उम्मीद है। यह बदलाव ग्रामीण विकास और प्रशासनिक पहुंच को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। लोगों में उत्साह और जिज्ञासा का माहौल है।

बाड़मेर में पंचायतों के पुनर्गठन की नई लहर: आज रात 8 बजे तक लिस्ट जारी होने की उम्मीद

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर - बाड़मेर, राजस्थान का वह जिला जो अपनी रेगिस्तानी खूबसूरती और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है, अब एक नए बदलाव की दहलीज पर खड़ा है। पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से तैयार की जा रही बहुप्रतीक्षित सूची पर हर किसी की नजर टिकी है। सूत्रों की मानें तो आज रात 8 बजे तक यह लिस्ट जारी हो सकती है, और इसके साथ ही बाड़मेर के ग्रामीण परिदृश्य में एक नया अध्याय शुरू होने की संभावना है। 

कलेक्टर टीना डाबी के हस्ताक्षर का इंतजार

जिला कलेक्टर टीना डाबी, जो अपनी तेज-तर्रार कार्यशैली के लिए जानी जाती हैं, इस प्रस्तावित सूची को अंतिम रूप देने में जुटी हैं। बताया जा रहा है कि सूची पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया चल रही है, और जैसे ही यह औपचारिकता पूरी होगी, बाड़मेर के लोग अपने नए प्रशासनिक ढांचे से रू-ब-रू होंगे। यह सूची न सिर्फ प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि ग्रामीण विकास को भी नई दिशा देगी।

250+ नई पंचायतें और 8 पंचायत समितियां: बड़ा बदलाव!

सूत्रों के हवाले से खबर है कि अकेले बाड़मेर जिले में 250 से ज्यादा नई ग्राम पंचायतें और 8 नई पंचायत समितियां बनने की संभावना है। यह आंकड़ा अपने आप में रोमांचक है, क्योंकि इससे न सिर्फ स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक पहुंच बढ़ेगी, बल्कि गांवों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में भी तेजी आएगी। थार के रेगिस्तान में बसा यह जिला, जो क्षेत्रफल के लिहाज से राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा जिला है, अब विकास की नई इबारत लिखने को तैयार है।

लोगों में उत्साह और जिज्ञासा का माहौल

जैसे-जैसे घड़ी की सुइयां रात 8 बजे की ओर बढ़ रही हैं, बाड़मेर के गांवों में उत्साह और जिज्ञासा का माहौल है। हर कोई यह जानना चाहता है कि उनकी पंचायत का क्या होगा? क्या उनका गांव नई पंचायत का हिस्सा बनेगा? या फिर उनकी पंचायत समिति में कोई नया बदलाव देखने को मिलेगा? सोशल मीडिया से लेकर चौपालों तक, चर्चाओं का दौर गर्म है। कुछ लोग इसे विकास का सुनहरा मौका मान रहे हैं, तो कुछ पुरानी व्यवस्था से जुड़ी यादों में खोए हैं।

बाड़मेर के लिए क्यों खास है यह पुनर्गठन?

बाड़मेर, जहां लूनी नदी बहती है और मांगणियार व लंगा लोक गायिकी की धुनें गूंजती हैं, वहां यह पुनर्गठन सिर्फ प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि एक सामाजिक और आर्थिक क्रांति का प्रतीक भी हो सकता है। नई पंचायतों के गठन से स्थानीय नेतृत्व को बढ़ावा मिलेगा, और पंचायत समितियों के विस्तार से सरकारी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन होगा। पचपदरा की अत्याधुनिक रिफाइनरी से लेकर सिणधरी पशु मेले तक, बाड़मेर पहले से ही प्रगति की राह पर है, और यह कदम उस यात्रा को और तेज कर सकता है।

अब बस इंतजार की घड़ियां

जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान तो अभी नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक सब कुछ तय समय पर होने की उम्मीद है। रात 8 बजे जैसे ही यह सूची जारी होगी, बाड़मेर के ग्रामीण इतिहास में एक नया पन्ना जुड़ेगा। तो, तैयार हो जाइए—क्या पता, आपकी पंचायत भी इस बदलाव की कहानी का हिस्सा बनने वाली हो!