बाड़मेर में सफाई पर सख्त हुए मंत्री मदन दिलावर: "गंदगी बर्दाश्त नहीं, 5 साल की वसूली तक को तैयार!"
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने बाड़मेर जिले के दौरे के दौरान स्वच्छता व्यवस्था पर कड़ा रुख अपनाया। गादान ग्राम पंचायत के उद्घाटन समारोह में सफाई की खराब स्थिति पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। अलसुबह उण्डखा और रानीगांव ग्राम पंचायतों के औचक निरीक्षण में भी गंदगी देखकर उन्होंने कहा कि हर ग्राम पंचायत को सालाना 12 लाख रुपये मिलने के बावजूद व्यवस्था नाकाफी है। सख्त लहजे में उन्होंने जिला परिषद CEO, BDO, VDO, सरपंच और प्रधान को हिदायत दी कि सफाई नहीं हुई तो कठोर कार्रवाई और पिछले 5 साल की वसूली तक होगी।

रिपोर्ट/जसवंत सिंह शिवकर - बाड़मेर, 5 अप्रैल 2025: राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने शनिवार को बाड़मेर जिले के दौरे के दौरान स्वच्छता व्यवस्था को लेकर कड़ा रुख अपनाया। बाड़मेर की गादान ग्राम पंचायत के उद्घाटन समारोह में शामिल होने पहुंचे मंत्री ने वहां की सफाई व्यवस्था पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को सख्त हिदायत देते हुए चेतावनी दी कि यदि स्वच्छता में सुधार नहीं हुआ तो कठोर कार्रवाई के साथ-साथ पिछले पांच साल की वसूली तक की जाएगी।
"12 लाख सालाना, फिर भी गंदगी का आलम"
मंत्री दिलावर ने समारोह के दौरान कहा, "बाड़मेर में सफाई व्यवस्था नाकाफी है। सरकार हर ग्राम पंचायत को साफ-सफाई के लिए प्रति वर्ष 12 लाख रुपये देती है, लेकिन हालात देखकर लगता है कि यह पैसा सही जगह इस्तेमाल नहीं हो रहा।" उन्होंने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO), ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO), ग्राम विकास अधिकारी (VDO), सरपंच और प्रधान को स्पष्ट निर्देश दिए कि स्वच्छता को प्राथमिकता दें, वरना परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
"सफाई नहीं हुई तो घर भेज दूंगा!"
अपने सख्त लहजे में मंत्री ने कहा, "अगर सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो न सिर्फ जिम्मेदार लोगों को घर भेजा जाएगा, बल्कि पिछले पांच साल में हुए खर्च की भी वसूली की जाएगी। यह जनता के पैसे का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" इस बयान से मौके पर मौजूद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों में हड़कंप मच गया।
अलसुबह औचक निरीक्षण से खुली पोल
मदन दिलावर ने दौरे की शुरुआत अलसुबह उण्डखा और रानीगांव ग्राम पंचायतों के औचक निरीक्षण से की थी। इन गांवों में भी उन्हें गंदगी और अव्यवस्था का मंजर देखने को मिला। सड़कों पर कचरे के ढेर, पानी से भरे गड्ढे और कीचड़ ने स्वच्छता के दावों की पोल खोल दी। निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों से बातचीत में भी यह शिकायत सामने आई कि नियमित सफाई नहीं होती।
ग्रामीणों से लिया फीडबैक
मंत्री ने अपने दौरे के दौरान आधा दर्जन गांवों में अपनी गाड़ी रोककर बुजुर्गों और स्थानीय लोगों से सफाई व्यवस्था की स्थिति पूछी। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार महीनों तक सफाई कर्मचारी गांव में नजर नहीं आते। इस पर दिलावर ने अधिकारियों को तत्काल व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।
स्वच्छता पर जीरो टॉलरेंस की नीति
मदन दिलावर ने स्पष्ट किया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग की है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। उन्होंने कहा, "यह शर्मनाक है कि इतने संसाधन होने के बावजूद गांव गंदगी में डूबे हैं। अब कोई बहाना नहीं चलेगा।"
अधिकारियों पर कार्रवाई का संकेत
दौरे के दौरान गादान ग्राम पंचायत के उद्घाटन समारोह में भी सफाई के नाम पर लापरवाही देखकर मंत्री ने जिला प्रशासन को कड़े शब्दों में चेताया। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। साथ ही, उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आने वाले दिनों में ऐसे दौरे और तेज होंगे ताकि व्यवस्था में सुधार लाया जा सके।
ग्रामीणों में उम्मीद की किरण
मंत्री के इस सख्त रवैये से ग्रामीणों में उम्मीद जगी है कि शायद अब उनके गांवों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त हो सके। एक बुजुर्ग ग्रामीण ने कहा, "पहली बार कोई मंत्री इतनी गंभीरता से सफाई की बात कर रहा है। अगर यह सख्ती जारी रही तो हमारे गांव का नक्शा बदल सकता है।"
बाड़मेर जिले में मदन दिलावर का यह दौरा न सिर्फ स्वच्छता के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के लिए एक सख्त संदेश भी है कि अब लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।