बाड़मेर में प्रशासन की लापरवाही ने छीनी मासूम की जिंदगी: स्कूल की जर्जर दीवार बनी काल,

बाँकाना तला में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। स्कूल की जर्जर दीवार अचानक ढह गई, जिसके मलबे में दबकर चौथी कक्षा की छात्रा विमला की मौके पर ही मौत हो गई,

बाड़मेर में प्रशासन की लापरवाही ने छीनी मासूम की जिंदगी: स्कूल की जर्जर दीवार बनी काल,

रिपोर्ट जसवंत सिंह - बाड़मेर जिले के चोहटन क्षेत्र में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय (राप्रावि) बाँकाना तला में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। स्कूल की जर्जर दीवार अचानक ढह गई, जिसके मलबे में दबकर चौथी कक्षा की छात्रा विमला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसकी सहपाठी मीनाक्षी गंभीर रूप से घायल हो गई। यह घटना प्रशासन और स्कूल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करती है, जिसने एक मासूम की जिंदगी छीन ली और एक परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। 

हादसे का विवरण

जानकारी के अनुसार, यह हादसा आज दोपहर उस समय हुआ जब  स्कूल की छुट्टी हुई उस समय सारे बच्चे परिसर से बाहर जा चुके थे पीछे 2 छात्राएं परिसर में थी। प्राथमिक विद्यालय की दीवार, जो पहले से ही जर्जर हालत में थी, अचानक भरभराकर गिर पड़ी। मलबे की चपेट में दो छात्राएं, विमला और मीनाक्षी, आ गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दीवार के गिरते ही अफरा-तफरी मच गई। स्कूल स्टाफ और आसपास के लोगों ने तुरंत मलबे में दबी बच्चियों को निकालने की कोशिश की, लेकिन तब तक विमला ने दम तोड़ दिया था। मीनाक्षी को गंभीर हालत में जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। चिकित्सकों के मुताबिक, मीनाक्षी की हालत नाजुक बनी हुई है

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल, लगाए गंभीर आरोप

हादसे के बाद विमला के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने स्कूल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि स्कूल की जर्जर दीवार के बारे में पहले भी कई बार शिकायत की गई थी, लेकिन न तो प्रशासन ने और न ही स्कूल प्रबंधन ने इस ओर ध्यान दिया। विमला के पिता ने कहा, "हमारी बेटी की जान प्रशासन की उदासीनता की भेंट चढ़ गई। अगर समय रहते दीवार की मरम्मत कर दी जाती, तो आज यह दिन न देखना पड़ता।" 

प्रशासन की चुप्पी, उठ रहे सवाल

इस घटना ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर क्यों एक सरकारी स्कूल की इमारत इतनी जर्जर हालत में थी कि वह बच्चों के लिए खतरा बन गई? स्थानीय लोगों का कहना है कि बाँकाना तला स्कूल की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं थी, फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस हादसे के बाद प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है।