बाड़मेर में रात का घिनौना खेल: सीसीटीवी ने उजागर किया स्पा के काले धंधे और गुंडागर्दी का सच

बाड़मेर के चौहटन चौराहे से सामने आए एक सीसीटीवी फुटेज ने शहर को झकझोर दिया, जिसमें एक युवती के साथ मारपीट का खौफनाक मंजर कैद है। युवती खुद को "गूगल होटल" की मैनेजर बताती है, लेकिन हकीकत में यह एक स्पा सेंटर है, जो वेश्यावृत्ति के लिए कुख्यात है। दूसरी ओर, तीन युवकों की गुंडागर्दी ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए। यह घटना बाड़मेर में अवैध धंधों, सामाजिक तनाव, और हिंसा की गहरी जड़ों को उजागर करती है। आखिर कब तक चलेगा यह काला कारोबार और अराजकता?

बाड़मेर में रात का घिनौना खेल: सीसीटीवी ने उजागर किया स्पा के काले धंधे और गुंडागर्दी का सच

बाड़मेर, वह शहर जो अपनी रेगिस्तानी संस्कृति और मेहमाननवाजी के लिए जाना जाता है, आज एक सीसीटीवी फुटेज की वजह से सुर्खियों में है। चौहटन चौराहे पर स्थित तथाकथित "गूगल होटल" से सामने आए इस वीडियो में एक युवती के साथ बर्बर मारपीट का दृश्य कैद है। यह युवती खुद को होटल की मैनेजर बताती है, लेकिन स्थानीय लोग और पुलिस रिकॉर्ड कुछ और ही कहानी बयां करते हैं—एक ऐसी कहानी जो स्पा की आड़ में वेश्यावृत्ति के काले धंधे और गुंडागर्दी की खौफनाक हकीकत को उजागर करती है। यह घटना न केवल एक आपराधिक कृत्य है, बल्कि बाड़मेर जैसे शांत शहर में सामाजिक और नैतिक प10 के लिए खतरा बन चुकी है। आइए, इस घटना के हर पहलू—इसके अतीत, प्रभाव, कारण, और भविष्य के लिए सबक—को गहराई से समझते हैं।

### घटना का विवरण: सीसीटीवी में कैद खौफनाक मंजर
17 अप्रैल 2025 की रात, चौहटन चौराहे पर स्थित "गूगल होटल" में एक भयावह घटना घटी। शिकायत के अनुसार, रात करीब 11 बजे तीन युवक—उमेद सिंह, प्रेम सिंह, और एक अन्य बिना नंबर की बोलेरो कैंपर में सवार होकर होटल पहुंचे। उनके हाथों में हॉकी और लाठियां थीं। शुरुआत में उन्होंने होटल के ग्राहकों से गाली-गलौच और बहस की। होटल कर्मचारी देवाराम ने जब बीच-बचाव की कोशिश की, तो उसे धमकियां देकर ये लोग चले गए। लेकिन रात 11:45 बजे वे और आक्रामक मूड में लौटे। होटल के सामने गाड़ी खड़ी कर, हथियारों के साथ उन्होंने तोड़फोड़ शुरू कर दी। देवाराम पर तीनों ने बेरहमी से हमला किया। जब युवती ने उसे बचाने की कोशिश की, तो एक युवक ने उसके बाल पकड़कर उसे जमीन पर गिराया, कपड़े फाड़े, और गला दबाने की कोशिश की। होटल मालिक महेश गिरी ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन उन्हें भी मारपीट का शिकार होना पड़ा। इस घटना में होटल को भारी नुकसान हुआ, और युवती को गंभीर चोटें आईं। उसने दावा किया कि यह पूरा वाकया सीसीटीवी में रिकॉर्ड है, जिसका फुटेज पुलिस को सौंप दिया गया है।

### हकीकत: होटल या स्पा का काला धंधा?
युवती का दावा है कि वह "गूगल होटल" की मैनेजर है, लेकिन स्थानीय लोग और पुलिस रिकॉर्ड इस दावे को झुठलाते हैं। यह तथाकथित होटल वास्तव में एक स्पा सेंटर है, जो बाड़मेर में अवैध गतिविधियों का अड्डा माना जाता है। पुलिस ने इस स्थान पर कई बार छापेमारी की है और पीटा एक्ट (प्रिवेंशन ऑफ इमोरल ट्रैफिकिंग एक्ट) के तहत कार्रवाइयां की हैं, क्योंकि यहां वेश्यावृत्ति की शिकायतें बार-बार मिलती रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि युवती का यह दावा कि उसने स्पा बंद कर होटल शुरू किया है, महज एक बहाना है। बाड़मेर में ऐसे कई स्पा सेंटर रात के अंधेरे में सामाजिक और नैतिक मूल्यों को ताक पर रखकर वेश्यावृत्ति जैसे गैरकानूनी धंधों को बढ़ावा दे रहे हैं।

### अतीत: बाड़मेर में स्पा संस्कृति का उदय और विवाद
बाड़मेर में स्पा सेंटरों की बाढ़ पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ी है। ये सेंटर शुरुआत में मसाज और रिलैक्सेशन की सुविधा देने के नाम पर खुले, लेकिन धीरे-धीरे इनका असली चेहरा सामने आया। स्थानीय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कई बार इन सेंटरों के खिलाफ आवाज उठाई, क्योंकि ये न केवल वेश्यावृत्ति को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि युवाओं को गलत रास्ते पर ले जा रहे हैं। पुलिस ने समय-समय पर छापेमारी की, लेकिन भ्रष्टाचार और राजनीतिक दबाव के चलते ये धंधे पूरी तरह बंद नहीं हो सके। बाड़मेर जैसे छोटे शहर में इस तरह की गतिविधियां सामाजिक तनाव का कारण बन रही हैं, क्योंकि ये स्थानीय संस्कृति और मूल्यों के खिलाफ हैं।

गुंडागर्दी: गलत तरीके से गलत का विरोध
इस घटना में शामिल तीनों युवकों का व्यवहार किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, ये लोग शहर में चल रही स्पा गतिविधियों के खिलाफ हैं। लेकिन अपनी नाराजगी को हिंसक तरीके से जाहिर करना—हथियारों के साथ एक महिला और कर्मचारियों पर हमला करना—न केवल गैरकानूनी है, बल्कि सामाजिक मूल्यों के खिलाफ भी है। यह खुलेआम गुंडागर्दी का प्रदर्शन है, जो कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाता है। किसी भी गलत गतिविधि का विरोध कानूनी और शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए, न कि इस तरह की हिंसा से।

### प्रभाव: समाज और शहर पर गहरा असर
यह घटना बाड़मेर के सामाजिक ताने-बाने पर गहरा असर डाल रही है। एक तरफ, स्पा सेंटरों की वजह से शहर की छवि धूमिल हो रही है। ये सेंटर न केवल स्थानीय युवाओं को गुमराह कर रहे हैं, बल्कि अपराध और सामाजिक तनाव को भी बढ़ा रहे हैं। दूसरी तरफ, इस तरह की हिंसक घटनाएं लोगों में डर और असुरक्षा की भावना पैदा कर रही हैं। खासकर महिलाओं के लिए, जो पहले से ही छोटे शहरों में कई चुनौतियों का सामना करती हैं, ऐसी घटनाएं और खतरनाक माहौल बनाती हैं। इसके अलावा, बाड़मेर जैसे पर्यटन और व्यापार के लिए उभरते शहर की छवि पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

### कारण: क्यों बनी ऐसी स्थिति?
इस तरह की घटनाओं के पीछे कई कारण हैं। पहला, बाड़मेर जैसे छोटे शहरों में रोजगार और शिक्षा के अवसरों की कमी। इससे कुछ लोग आसान और गैरकानूनी रास्तों की ओर आकर्षित होते हैं। दूसरा, पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता। बार-बार छापेमारी के बावजूद स्पा सेंटरों पर पूरी तरह रोक नहीं लग पाई है, जिससे इनका हौसला बढ़ता है। तीसरा, सामाजिक जागरूकता की कमी। कई लोग इन सेंटरों की हकीकत से अनजान हैं या इसे नजरअंदाज करते हैं। चौथा, कुछ लोगों में कानून को अपने हाथ में लेने की मानसिकता, जो हिंसा और अराजकता को जन्म देती है।

### आखिर कब तक?
यह सवाल हर बाड़मेरवासी के मन में है—आखिर कब तक ये गंदगी और गुंडागर्दी चलती रहेगी? कब तक स्पा सेंटरों की आड़ में शहर की साख दांव पर लगती रहेगी? कब तक कुछ लोग अपनी मर्जी से कानून को तोड़ते रहेंगे? यह घटना एक चेतावनी है कि अगर अब भी नहीं चेते, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।

### आगे की राह: समाधान और सबक
इस समस्या का समाधान आसान नहीं, लेकिन असंभव भी नहीं। सबसे पहले, पुलिस और प्रशासन को स्पा सेंटरों पर कड़ी निगरानी और सख्त कार्रवाई करनी होगी। इनके लाइसेंस, गतिविधियों, और मालिकों की पूरी जांच होनी चाहिए। दूसरा, सामाजिक जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए, ताकि लोग इन सेंटरों की हकीकत समझें। तीसरा, बाड़मेर में रोजगार और शिक्षा के अवसर बढ़ाने की जरूरत है, ताकि लोग गलत रास्तों पर न जाएं। चौथा, गुंडागर्दी करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो, ताकि कानून का भय बना रहे।

पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तथ्यों की पड़ताल हो रही है। यह जरूरी है कि निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा मिले—चाहे वे अवैध धंधे चलाने वाले हों या हिंसा करने वाले। बाड़मेर जैसे शांत और सांस्कृतिक शहर को इस तरह की गंदगी और अराजकता से मुक्त करना हर नागरिक और प्रशासन की जिम्मेदारी है।