बेटी की राह में टूटा बाप का दिल: प्रेम विवाह से आहत पिता ने उठाया खौफनाक कदम"

एक पिता, जिसने अपनी बेटी को लाड-प्यार से पाला, उसकी हर ख्वाहिश को पूरा किया, वही पिता उस पल टूट गया जब बेटी ने अपने प्रेम विवाह का फैसला सुनाया। यह कहानी न सिर्फ एक परिवार के दर्द को बयां करती है, बल्कि समाज के उन सवालों को भी सामने लाती है, जहां प्यार और परंपरा के बीच जंग छिड़ जाती है।

बेटी की राह में टूटा बाप का दिल: प्रेम विवाह से आहत पिता ने उठाया खौफनाक कदम"

ग्वालियर की गलियों से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो हर किसी के दिल को झकझोर देगी। एक पिता, जिसने अपनी बेटी को लाड-प्यार से पाला, उसकी हर ख्वाहिश को पूरा किया, वही पिता उस पल टूट गया जब बेटी ने अपने प्रेम विवाह का फैसला सुनाया। यह कहानी न सिर्फ एक परिवार के दर्द को बयां करती है, बल्कि समाज के उन सवालों को भी सामने लाती है, जहां प्यार और परंपरा के बीच जंग छिड़ जाती है।

ऋषिराज जायसवाल, ग्वालियर के नाका चंद्रवदनी इलाके के एक मेडिकल स्टोर संचालक, जिनके लिए उनकी बेटी हर्षिता उनकी दुनिया थी। लेकिन जब हर्षिता ने पड़ोस के युवक आनंद प्रजापति से प्रेम विवाह कर लिया, तो ऋषिराज का दिल इस सदमे को बर्दाश्त न कर सका। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा, "यह कैसा कानून है जो बेटी के बालिग होते ही पिता के सारे अधिकार छीन लेता है? बेटी को अपनी मर्जी से जीने का हक है, लेकिन क्या पिता की भावनाओं की कोई कदर नहीं?"

बुधवार की देर रात, जब घर में सन्नाटा पसरा था, ऋषिराज ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज से परिजन दौड़े, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। खून से लथपथ ऋषिराज की सांसे थम चुकी थीं। इस घटना ने पूरे इलाके में तनाव और दहशत फैला दी। गुस्साए परिजनों ने आनंद के पिता के साथ मारपीट भी की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और बंदूक बरामद कर ली है। लेकिन सवाल वही है—क्या प्यार की राह में इतना बड़ा बलिदान देना सही है? यह खबर न सिर्फ एक पिता के दर्द को उजागर करती है, बल्कि हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर परिवार, समाज और प्रेम के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए।