बजट 2024: विदेश मंत्रालय के बजट में 22% इज़ाफा, पड़ोसी देशों को मिले बड़े प्रावधान

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले आम बजट ने विदेश मंत्रालय के लिए 22% बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार विदेश मंत्रालय के बजट में 22,155 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो पिछले साल के बजट 18,050 करोड़ रुपये से 4,105 करोड़ रुपये अधिक है।

बजट 2024: विदेश मंत्रालय के बजट में 22% इज़ाफा, पड़ोसी देशों को मिले बड़े प्रावधान
बजट 2024: विदेश मंत्रालय के बजट में 22% इज़ाफा, पड़ोसी देशों को मिले बड़े प्रावधान

नई दिल्ली: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले आम बजट ने विदेश मंत्रालय के लिए 22% बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार विदेश मंत्रालय के बजट में 22,155 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो पिछले साल के बजट 18,050 करोड़ रुपये से 4,105 करोड़ रुपये अधिक है।

इस बढ़ोतरी से स्पष्ट है कि भारत का ध्यान विशेष रूप से पड़ोसी देशों पर केंद्रित रहेगा। बजट में 4,883 करोड़ रुपये पड़ोसी देशों की सहायता पर खर्च किए जाएंगे। नेपाल को 700 करोड़ रुपये, श्रीलंका को 245 करोड़ रुपये और सेशेल्स को 30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

भूटान को विशेष प्रावधान: भूटान को इस बार 2,068 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, हालांकि पिछले साल की तुलना में इसमें थोड़ी कमी की गई है। भूटान और भारत के बीच घनिष्ठ आर्थिक संबंधों को देखते हुए यह राशि महत्वपूर्ण मानी जाती है। हाल ही में भूटान की राजधानी थिंपू में दोनों देशों ने 4,958 करोड़ रुपये की 61 परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई है।

अन्य देशों को कितनी मदद मिली: म्यांमार को 250 करोड़ रुपये, बांग्लादेश को 120 करोड़ रुपये, मंगोलिया को 5 करोड़ रुपये और मॉरीशस को 370 करोड़ रुपये दिए गए हैं। अफगानिस्तान और मालदीव के लिए पहले जैसी ही रकम तय की गई है, क्रमशः 200 करोड़ रुपये और 400 करोड़ रुपये।

सरकार के इस बजट से स्पष्ट है कि विदेश नीति में पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को प्राथमिकता दी जा रही है। बजट के इन प्रावधानों से भारत की वैश्विक स्थिति को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।