देशनोक पुल हादसा: बीकानेर में न्याय की गुहार, संघर्ष समिति के धरने के दूसरे दिन CM का पुतला दहन
बीकानेर के देशनोक पुल हादसे में छह लोगों की मौत के बाद, देशनोक पुल संघर्ष समिति के बैनर तले जिला कलेक्ट्रेट पर अनिश्चितकालीन धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का पुतला दहन कर सरकार की उदासीनता के खिलाफ विरोध दर्ज किया।

बीकानेर, 17 अप्रैल 2025: बीकानेर के देशनोक ओवरब्रिज हादसे में जान गंवाने वाले छह निर्दोष लोगों को न्याय दिलाने के लिए देशनोक पुल संघर्ष समिति के बैनर तले जिला कलेक्ट्रेट पर अनिश्चितकालीन धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। बुधवार, 16 अप्रैल 2025 को प्रदर्शनकारियों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का पुतला दहन कर राज्य सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। धरने में कांग्रेस नेताओं और सैन समाज के प्रतिनिधियों का जमावड़ा रहा, जिन्होंने पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता और न्याय की मांग को लेकर सरकार पर निशाना साधा।
सरकार की उदासीनता पर भड़का आक्रोश
पूर्व कैबिनेट मंत्री गोविन्द राम मेघवाल ने धरने को संबोधित करते हुए कहा, "दो दिन बीत जाने के बावजूद राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनशील नहीं दिख रही। देशनोक पुल पर अब तक करीब 40 लोगों की जान जा चुकी है, फिर भी प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है।" उन्होंने सरकार से तत्काल कार्रवाई और पीड़ितों को उचित मुआवजा देने की मांग की। मेघवाल ने यह भी कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिल जाता।
"संवेदना तो जताई, लेकिन सहायता कहां?"
पूर्व मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, "हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर संवेदना जरूर जताई, लेकिन करीब एक महीना बीत जाने के बाद भी पीड़ित परिवारों को कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई। यह सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।" उन्होंने प्रशासन की लापरवाही को भी कटघरे में खड़ा किया और कहा कि इस पुल की सुरक्षा और रखरखाव को लेकर बार-बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।
सैन समाज पर संकट, एकजुटता की अपील
पूर्व केश कला बोर्ड अध्यक्ष महेन्द्र गहलोत ने कहा, "सैन समाज इस समय भारी संकट से गुजर रहा है। इस दुखद हादसे ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। हम सर्वसमाज के साथ एकजुट होकर न्याय की इस लड़ाई को लड़ रहे हैं।" उन्होंने सैन समाज के लोगों से एकजुट रहने और इस आंदोलन को और तेज करने की अपील की। गहलोत ने यह भी कहा कि सरकार की चुप्पी पीड़ित परिवारों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसी है।
सैन समाज के नेताओं का गुस्सा
धरने में भारतीय सैन समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्रवण कुमार फूलभाटी, हड़मान मढ़, भंवर खिखनिया, सुन्दर लाल राठी, सुन्दर लाल नाई, बीकानेर क्षौर कार्य अध्यक्ष जयनारायण मारू, गोपाल पौड़ भाटी और सैन मंदिर देशनोक के अध्यक्ष सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। नेताओं ने एक स्वर में सरकार से मांग की कि पीड़ित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता दी जाए और पुल की सुरक्षा के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
पुतला दहन के साथ जोरदार नारेबाजी
धरने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का पुतला दहन किया और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। "न्याय दो, सहायता दो", "प्रशासन जागो, पीड़ितों को इंसाफ दो" जैसे नारे गूंजते रहे। कांग्रेस के प्रदेश सचिव रामनिवास कूकना ने कहा, "यह सिर्फ सैन समाज की नहीं, बल्कि पूरे बीकानेर की लड़ाई है। हम तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक पीड़ित परिवारों को न्याय और सम्मान नहीं मिलता।"
देशनोक पुल: मौत का जाल
देशनोक ओवरब्रिज लंबे समय से चर्चा में रहा है। इसकी खराब डिजाइन और रखरखाव की कमी के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को कई बार इसकी मरम्मत और सुरक्षा उपायों के लिए कहा गया, लेकिन हर बार उनकी मांगों को अनसुना कर दिया गया। इस हादसे में छह लोगों की मौत ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश पैदा कर दिया है, और अब यह मामला राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर तूल पकड़ रहा है।