पाकिस्तानियों को 48 घंटों से पहले छोड़ना होगा भारत ,वहाँ आ सकता है जल संकट,पहलगाम हमले के बाद भारत लिए पाँच बड़े फैसले
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए खूनी आतंकी हमले, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की बर्बर हत्या हुई, ने भारत को आगबबूला कर दिया। जवाब में, भारत ने पाकिस्तान को घुटने टेकने के लिए मजबूर करने वाले पांच साहसिक फैसले लिए: सिंधु जल समझौते को रद्द करना, अटारी सीमा को सील करना, पाकिस्तानी राजनयिकों को देश से निकालना, पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का हुक्म, और दोनों देशों के उच्चायोगों को छोटा करना। ये कदम भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति को और गहरा सकते हैं, खासकर जब दोनों परमाणु हथियारों से लैस हैं।

**पाकिस्तान को भारत की ललकार: पांच वज्रपात जैसे फैसले**
22 अप्रैल 2025 की रात, जम्मू-कश्मीर का पहलगाम खून से लथपथ हो गया। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों ने पर्यटकों पर कहर बरपाया, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की निर्मम हत्या हुई। यह 21वीं सदी का सबसे घृणित आतंकी हमला था। भारत ने इस नरसंहार को बर्दाश्त न करने का प्रण लिया और 23 अप्रैल को पांच ऐतिहासिक फैसलों के साथ पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। ये फैसले न केवल पाकिस्तान की कमर तोड़ने वाले हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच तनाव को युद्ध की कगार पर ले जा सकते हैं।
1. **सिंधु जल समझौते पर कुल्हाड़ी**: भारत ने 1960 के सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया। यह समझौता सिंधु और इसकी सहायक नदियों—झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास, सतलुज—के जल बंटवारे का आधार था। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गरजते हुए कहा, “जब तक पाकिस्तान आतंक का रास्ता नहीं छोड़ता, उसे एक बूंद पानी नहीं मिलेगा।” यह फैसला पाकिस्तान की कृषि और जनजीवन को तबाह कर सकता है।
2. **अटारी सीमा पर ताला**: भारत ने अटारी-वाघा सीमा की एकीकृत जांच चौकी को तत्काल बंद कर दिया। यह सीमा व्यापार और आवाजाही का मुख्य रास्ता थी। सरकार ने ऐलान किया कि 1 मई 2025 तक वैध अनुमोदन वाले लोग ही सीमा पार कर सकेंगे। यह कदम पाकिस्तान की आर्थिक नसों को जकड़ देगा।
3. **पाकिस्तानी राजनयिकों को लात**: भारत ने पाकिस्तान उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को तुरंत देश छोड़ने का फरमान सुनाया। साथ ही, दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 करने का आदेश दिया, जो 1 मई 2025 तक लागू होगा। यह कूटनीतिक तमाचा पाकिस्तान के लिए अपमानजनक है।
4. **पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे का अल्टीमेटम**: भारत ने सार्क वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों की भारत यात्रा पर तत्काल रोक लगा दी। भारत में मौजूद ऐसे वीजा धारकों को 48 घंटे के अंदर देश छोड़ने का हुक्म दिया गया। यह कदम पाकिस्तान के नागरिकों के लिए सख्त संदेश है।
5. **कूटनीतिक रिश्तों पर कैंची**: भारत ने पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों को न्यूनतम स्तर पर लाने का फैसला किया। पाकिस्तानी चार्ज डी’अफेयर्स को तलब किया गया और सैन्य अटैचियों को निष्कासित कर दिया गया। यह कदम दोनों देशों के बीच संवाद के बचे-खुचे रास्तों को बंद करने वाला है।
**हमले की भयावहता और भारत की प्रतिक्रिया**
पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जो कश्मीर में 2000 के बाद का सबसे खतरनाक हमला था। ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने इसकी जिम्मेदारी ली, लेकिन भारत ने इसे लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्तानी आतंकी समूहों का प्यादा बताया। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने तीन पाकिस्तानी और दो कश्मीरी आतंकियों को हमले से जोड़ा, जिनमें से दो 2018 में पाकिस्तान गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की आपात बैठक बुलाई। विदेश सचिव मिस्री ने कहा, “पाकिस्तान की हरकतों का जवाब अब उनकी भाषा में दिया जाएगा।” भारत ने इन फैसलों को आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध की शुरुआत बताया।
**पाकिस्तान का रोना और वैश्विक प्रतिक्रिया**
पाकिस्तान ने हमले में अपनी भूमिका से इनकार किया और इसे “दुखद” बताया। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि उनका देश निर्दोष है। लेकिन भारत ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के उकसावे वाले बयान को याद दिलाया, जिसमें उन्होंने कश्मीर को “पाकिस्तान की रग” कहा था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, ब्रिटेन के पूर्व पीएम ऋषि सुनक और चीन ने हमले की निंदा की। लेकिन विश्लेषकों ने चेतावनी दी कि भारत के इन सख्त कदमों से दोनों परमाणु शक्तियों के बीच टकराव बढ़ सकता है।
**कश्मीर का जख्म और आगे की राह**
पहलगाम हमला कश्मीर की शांति पर गहरी चोट है। पर्यटन के सुनहरे दौर में हुआ यह हमला पाकिस्तान की कायराना साजिश का प्रतीक है। भारत ने इसे कश्मीर की प्रगति को पटरी से उतारने की कोशिश करार दिया।
विश्लेषकों का कहना है कि ये फैसले सैन्य टकराव को भड़का सकते हैं। 2016 के उरी और 2019 के पुलवामा हमलों के बाद भारत ने सर्जिकल और हवाई हमले किए थे। इस बार कूटनीतिक और आEconomic दबाव के साथ सैन्य विकल्प भी खुले हैं।
पहलगाम नरसंहार के बाद भारत ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है: आतंकवाद की कीमत चुकानी पड़ेगी। ये पांच फैसले न केवल पाकिस्तान को आर्थिक और कूटनीतिक रूप से कमजोर करेंगे, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता पर भी सवाल उठाएंगे। परमाणु हथियारों से लैस दोनों देशों के बीच यह तनाव युद्ध की आहट ला सकता है। भारत का रुख स्पष्ट है—आतंक के खिलाफ अब कोई नरमी नहीं।