क्या राजस्थान से बीजेपी का राज्यसभा में निर्विरोध चुना जाना तय है?
राजस्थान से राज्यसभा की एक सीट खाली होने के बाद राजनीतिक हलकों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के बाद, उन्होंने अपनी राज्यसभा की सीट खाली कर दी है, जिससे इस सीट के लिए 3 सितंबर 2024 को चुनाव की घोषणा की गई है।
जयपुर : राजस्थान से राज्यसभा की एक सीट खाली होने के बाद राजनीतिक हलकों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल के लोकसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित होने के बाद, उन्होंने अपनी राज्यसभा की सीट खाली कर दी है, जिससे इस सीट के लिए 3 सितंबर 2024 को चुनाव की घोषणा की गई है।
राज्यसभा की इस सीट के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त 2024 है। चुनाव प्रक्रिया के तहत, एक उम्मीदवार को अपना नामांकन दाखिल करने के लिए कम से कम दस विधानसभा सदस्यों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है। नामांकन के बाद, चुनाव 3 सितंबर 2024 को सम्पन्न होंगे और उसी दिन परिणाम भी घोषित किए जाएंगे।
इस चुनाव में प्रत्येक विधानसभा सदस्य का एक मत मूल्य निर्धारित किया जाता है। यह मत मूल्य विधायकों की कुल संख्या में 100 का गुणा करके प्राप्त किया जाता है। इसके बाद, आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से मतदान कराया जाता है, जहां प्रत्येक विधायक उम्मीदवारों की प्राथमिकता के आधार पर वोट करता है। उदाहरण के लिए, यदि चुनाव में चार उम्मीदवार हैं तो एक विधायक अपनी प्राथमिकता के अनुसार प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ स्थान पर उम्मीदवारों को क्रमबद्ध करेगा।
राजस्थान विधानसभा में वर्तमान स्थिति पर नजर डालें तो भाजपा के 114, कांग्रेस के 65, बीएपी के 3, बीएसपी के 2, आरएलडी के 1, निर्दलीय 8 और 6 सीटें खाली हैं। इस समय राज्यसभा के लिए जो सीट खाली है, उसे जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 98 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी। इस स्थिति में भाजपा के प्रत्याशी की जीत लगभग तय मानी जा रही है, जब तक कि लगभग बीस विधायक क्रॉस वोटिंग न करें, जिससे चुनाव में कोई अप्रत्याशित परिणाम आए।
क्रॉस वोटिंग रोकने के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है, जिसके तहत प्रत्येक विधायक को अपना बैलेट पत्र अपने दल के एजेंट को दिखाना अनिवार्य होता है। इससे पार्टी से बगावत करने की संभावना कम हो जाती है, लेकिन इसके बावजूद, कुछ मामलों में क्रॉस वोटिंग की घटनाएं देखी जा चुकी हैं।
भाजपा की ओर से यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस अवसर पर किसी स्थानीय नेता को राज्यसभा भेजते हैं या फिर केंद्र से किसी बड़े नाम को मैदान में उतारते हैं। राजस्थान के कई स्थानीय नाम चर्चाओं में हैं, लेकिन भाजपा की कार्यशैली को देखते हुए सही-सही अनुमान लगाना मुश्किल है। फिर भी, इतना निश्चित है कि पार्टी किसी अनुशासित कार्यकर्ता को ही यह अवसर प्रदान करेगी।
उधर, कांग्रेस की रणनीति भी चर्चा का विषय बनी हुई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस अपना उम्मीदवार मैदान में उतारती है या भाजपा के प्रत्याशी को निर्विरोध चुने जाने का मार्ग प्रशस्त करती है।
फिलहाल, इस पूरी प्रक्रिया पर नजरें टिकी हुई हैं और 3 सितंबर 2024 को इसका परिणाम सामने आएगा।