जैसलमेर के फलेडी गांव में आग का तांडव: 6 कच्चे घर जलकर राख, 1 बकरी झुलसी

जैसलमेर के फलेडी गांव में आग का तांडव: 6 कच्चे घर जलकर राख, 1 बकरी झुलसी
आग में जलते घर..

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर - जैसलमेर जिले की ग्राम पंचायत फलेडी में गुरुवार दोपहर बाद एक भीषण अग्निकांड ने तबाही मचा दी। परताणीयों की बस्ती में अचानक लगी आग ने देखते ही देखते 6 कच्चे घरों को अपनी चपेट में ले लिया और उन्हें जलाकर राख कर दिया। इस हादसे में घरों में रखा सारा सामान नष्ट हो गया, साथ ही एक बकरी भी बुरी तरह झुलस गई। आग की लपटों ने गांव में हड़कंप मचा दिया, लेकिन ग्रामीणों की सूझबूझ और हिम्मत से आग पर काबू पाया गया। 

आग ने मचाई तबाही, ग्रामीणों ने दिखाई एकजुटता

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग सबसे पहले एक घर में भड़की और तेज हवा के कारण पास के अन्य कच्चे घरों तक फैल गई। सूचना मिलते ही सम तहसीलदार गजानंद मीणा और सम थाना पुलिस मौके पर पहुंची। हालांकि, सम उप तहसील में फायर ब्रिगेड की सुविधा नहीं होने के कारण जिला मुख्यालय जैसलमेर से फायर ब्रिगेड को बुलाया गया। लेकिन फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों ने स्थानीय संसाधनों का इस्तेमाल कर करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया।

नुकसान का दायरा और राहत के प्रयास

तहसीलदार गजानंद मीणा ने बताया कि आग से 6 कच्चे घर पूरी तरह तबाह हो गए। घरों में रखा अनाज, कपड़े, बर्तन और अन्य जरूरी सामान जलकर नष्ट हो गया। एक बकरी भी आग की चपेट में आकर झुलस गई, जिससे ग्रामीणों को भावनात्मक और आर्थिक नुकसान हुआ। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक आग लगने के सटीक कारणों का पता नहीं चल सका है। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट या घरेलू चूल्हे से आग भड़कने की आशंका जताई जा रही है।

फायर ब्रिगेड की अनुपस्थिति ने बढ़ाई मुश्किल

ग्रामीणों ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर सम उप तहसील में फायर ब्रिगेड की सुविधा होती तो नुकसान को कम किया जा सकता था। जैसलमेर से फायर ब्रिगेड के पहुंचने में हुई देरी के कारण ग्रामीणों को खुद ही आग बुझाने के लिए आगे आना पड़ा। इस घटना ने क्षेत्र में आपातकालीन सेवाओं की कमी को एक बार फिर उजागर कर दिया।

आगे की कार्रवाई और ग्रामीणों की मांग

प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत पहुंचाने का आश्वासन दिया है। तहसीलदार मीणा ने कहा कि नुकसान का पूरा ब्योरा तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा, ताकि पीड़ितों को मुआवजा और सहायता मिल सके। वहीं, ग्रामीणों ने मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए स्थानीय स्तर पर फायर ब्रिगेड और अन्य सुरक्षा उपाय उपलब्ध कराए जाएं।

यह हादसा न केवल ग्रामीणों के लिए एक बड़ी त्रासदी है, बल्कि प्रशासन के लिए भी एक सबक है कि दूरदराज के इलाकों में आपदा प्रबंधन को मजबूत करने की जरूरत है। आग लगने के कारणों की जांच जारी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इसकी वजह सामने आएगी।