जेल प्रहरी बनने के लिए लड़कियों की लगी भीड़, कड़ी चेकिंग के बाद परीक्षार्थियों को दीया गया प्रवेश...!
महिला अभ्यर्थियों को सलवार-सूट, साड़ी या कुर्ता पहनने के निर्देश थे। एक अभ्यर्थी, राहुल ने बताया, "चेकिंग इतनी सख्त थी कि हमें जूते-चप्पल तक बाहर उतारने पड़े। लेकिन यह सब निष्पक्षता के लिए जरूरी था।"

बाड़मेर, 12 अप्रैल 2025: राजस्थान के बाड़मेर जिले में आज राजस्थान जेल प्रहरी सीधी भर्ती परीक्षा 2025 का आयोजन बड़े उत्साह और कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच संपन्न हुआ। जिला मुख्यालय पर बनाए गए 17 परीक्षा केंद्रों पर सुबह से ही अभ्यर्थियों की भीड़ देखने को मिली। इस परीक्षा में भाग लेने के लिए हजारों युवा सुबह जल्दी पहुंचे, लेकिन कड़ी चेकिंग और सख्त नियमों के कारण केवल वैध दस्तावेजों वाले अभ्यर्थियों को ही केंद्रों में प्रवेश मिला। परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई, जिसने न केवल अभ्यर्थियों की मेहनत को परखा, बल्कि जेल प्रहरी जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी को भी उजागर किया।
परीक्षा का आयोजन और कड़ी चेकिंग
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) द्वारा आयोजित इस परीक्षा की पहली पाली सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक चली। परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों को कम से कम एक घंटे पहले पहुंचने का निर्देश दिया गया था। केंद्रों के बाहर पुलिस और बोर्ड के अधिकारियों की सतर्क नजरें थीं, जो हर अभ्यर्थी के एडमिट कार्ड और फोटो युक्त पहचान पत्र की बारीकी से जांच कर रहे थे।
परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल फोन, स्मार्टवॉच, कैलकुलेटर, या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को ले जाने की सख्त मनाही थी। बोर्ड द्वारा जारी ड्रेस कोड का भी कड़ाई से पालन कराया गया। पुरुष अभ्यर्थियों को जींस पहनने की अनुमति नहीं थी, और उन्हें आधी या पूरी आस्तीन की शर्ट या कुर्ता-पायजामा पहनना अनिवार्य था। महिला अभ्यर्थियों को सलवार-सूट, साड़ी या कुर्ता पहनने के निर्देश थे। एक अभ्यर्थी, राहुल ने बताया, "चेकिंग इतनी सख्त थी कि हमें जूते-चप्पल तक बाहर उतारने पड़े। लेकिन यह सब निष्पक्षता के लिए जरूरी था।"
केंद्रों पर जैमर लगाए गए थे ताकि कोई तकनीकी गड़बड़ी न हो, और सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधि पर नजर रखी गई। बाड़मेर के जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले में कुल 17 केंद्रों पर लगभग 15,000 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया, और किसी भी केंद्र से नकल या अनुचित गतिविधि की कोई शिकायत नहीं मिली।
परीक्षा का स्वरूप
जेल प्रहरी परीक्षा ऑफलाइन मोड में आयोजित की गई, जिसमें 100 वस्तुनिष्ठ प्रश्न थे। प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का था, और गलत उत्तर के लिए 1 अंक की नकारात्मक अंकन की व्यवस्था थी। परीक्षा का पाठ्यक्रम तीन मुख्य विषयों पर आधारित था:
सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान: राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय घटनाएं, राजस्थान का इतिहास, संस्कृति, और भूगोल।
विवेचना और तार्किक योग्यता: कोडिंग-डिकोडिंग, तार्किक निष्कर्ष, और गणितीय समस्याएं।
सामाजिक विज्ञान और समसामयिक मुद्दे: आपदा प्रबंधन, पर्यावरण, और भारतीय संविधान से संबंधित प्रश्न।
अभ्यर्थी प्रियंका ने कहा, "परीक्षा का स्तर मध्यम था, लेकिन समय प्रबंधन बहुत जरूरी था। राजस्थान सामान्य ज्ञान के सवाल थोड़े पेचीदा थे, पर तैयारी अच्छी थी तो ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।" कई अभ्यर्थियों ने बताया कि सख्त चेकिंग के कारण वे समय पर केंद्र में पहुंचे, जिससे तनाव कम हुआ और परीक्षा पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली।
जेल प्रहरी क्या होता है?
जेल प्रहरी, जिसे जेल वार्डर या प्रिजन गार्ड भी कहा जाता है, कारागार विभाग में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जेल प्रहरी का मुख्य कार्य जेल में कैदियों की निगरानी करना, जेल के नियमों का पालन करवाना, और वहां सुरक्षा व शांति बनाए रखना है। वे कैदियों की गतिविधियों पर नजर रखते हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, और जेल प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, जेल प्रहरी कैदियों के पुनर्वास और सुधार कार्यक्रमों में भी सहयोग करते हैं।