म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप का कहर: 7.7 तीव्रता ने मचाई तबाही, मृतकों की संख्या 10 हजार के पार होने की आशंका
पिछले 200 साल का सबसे शक्तिशाली भूकंप माना जा रहा है, जिसके झटके न केवल म्यांमार, बल्कि थाईलैंड, बांग्लादेश, चीन और भारत तक महसूस किए गए। इस प्राकृतिक आपदा ने म्यांमार में भारी तबाही मचाई

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर - म्यांमार में शुक्रवार सुबह 11:50 बजे आए 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। यह पिछले 200 साल का सबसे शक्तिशाली भूकंप माना जा रहा है, जिसके झटके न केवल म्यांमार, बल्कि थाईलैंड, बांग्लादेश, चीन और भारत तक महसूस किए गए। इस प्राकृतिक आपदा ने म्यांमार में भारी तबाही मचाई, जिसमें मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने आशंका जताई है कि मृतकों का आंकड़ा 10 हजार से अधिक हो सकता है। इसके बाद शनिवार दोपहर 3:30 बजे फिर 5.1 तीव्रता का एक और भूकंप आया, जिसने लोगों में दहशत को और बढ़ा दिया। दो दिनों में 5 से अधिक तीव्रता वाले तीन भूकंप दर्ज किए जा चुके हैं।
म्यांमार में मृत्यु और विनाश का तांडव
रॉयटर्स के अनुसार, म्यांमार की सैन्य सरकार ने शनिवार को बताया कि अब तक 1,002 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2,400 से अधिक लोग घायल हुए हैं। भूकंप का केंद्र मांडले शहर के पास था, जहां कई इमारतें, मंदिर और बौद्ध स्थल ढह गए। राजधानी नेपीडॉ में सड़कों पर दरारें पड़ गईं और इरावदी नदी पर बना एक विशाल पुल भी इस आपदा की भेंट चढ़ गया। म्यांमार के छह राज्यों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। सैन्य सरकार के प्रमुख सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने कहा, "मृतकों और घायलों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं, लेकिन गृहयुद्ध से प्रभावित इलाकों में यह चुनौतीपूर्ण है।"
थाईलैंड में बैंकॉक की तबाही
भूकंप का असर पड़ोसी देश थाईलैंड में भी व्यापक रहा। राजधानी बैंकॉक में 7.7 तीव्रता के झटकों ने भारी नुकसान पहुंचाया। एक 30 मंजिला निर्माणाधीन इमारत धराशायी हो गई, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि गगनचुंबी इमारतें हिल रही हैं और स्विमिंग पूल का पानी ऊंची लहरों के साथ बाहर छलक रहा है। थाईलैंड की सरकार ने पूरे देश में आपातकाल लागू कर दिया है। बैंकॉक में राहत कार्य जारी हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि मलबे में अभी भी कई लोग फंसे हो सकते हैं।
लगातार झटकों से दहशत
शुक्रवार के बड़े भूकंप के बाद शनिवार दोपहर 3:30 बजे 5.1 तीव्रता का एक और झटका म्यांमार में महसूस किया गया। इसका केंद्र नायपीडॉ के पास था। हालांकि यह झटका पहले की तुलना में कम तीव्र था, लेकिन पहले से तबाह हुए इलाकों में लोगों में डर और अफरा-तफरी का माहौल है। दो दिनों में तीन बड़े झटके आने से विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आफ्टरशॉक्स का सिलसिला जारी रह सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और राहत प्रयास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप से प्रभावित लोगों के लिए संवेदना व्यक्त की और उनकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों ने भी सहायता की पेशकश की है। म्यांमार की सैन्य सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल मदद मांगी है। यूएसजीएस के अनुसार, सागाइंग फॉल्ट क्षेत्र में यह भूकंप अप्रत्याशित नहीं था, क्योंकि यह क्षेत्र भूकंपीय रूप से सक्रिय है।
चुनौतियों से जूझता म्यांमार
म्यांमार पहले से ही गृहयुद्ध और मानवीय संकट से जूझ रहा है। इस भूकंप ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। राहत कार्यों में बाधा आ रही है, क्योंकि कई इलाकों में सड़कें और संचार व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि नुकसान का पूरा आकलन होने में अभी समय लगेगा।
यह भूकंप न केवल म्यांमार और थाईलैंड के लिए, बल्कि पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए एक बड़ी चेतावनी है। तबाही के बीच लोग अपनों को खोज रहे हैं, और सरकारें हालात को संभालने की कोशिश में जुटी हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह प्रकृति का अंतिम प्रहार था, या अभी और चुनौतियां सामने आने वाली हैं?