पाकिस्तानी महिला ने वाघा बॉर्डर पर दिया बेटी को जन्म, नाम सुनकर गर्व से खिल उठेगा हर हिंदुस्तानी का चेहरा

पाकिस्तान से भारत आ रही एक गर्भवती महिला ने वाघा बॉर्डर के पास एक बेटी को जन्म दिया। प्रसव पीड़ा शुरू होने पर उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। परिवार ने बच्ची का नाम 'भारती' रखा, जो भारत के प्रति सम्मान और दोनों देशों के बीच एकता का प्रतीक है। यह घटना नवरात्रि के दौरान हुई, जिसने स्थानीय लोगों में खुशी और गर्व की भावना जगा दी। यह कहानी सरहदों को पार कर इंसानियत और ममता की मिसाल पेश करती है।

पाकिस्तानी महिला ने वाघा बॉर्डर पर दिया बेटी को जन्म, नाम सुनकर गर्व से खिल उठेगा हर हिंदुस्तानी का चेहरा

रिपोर्ट/जसवंत सिंह शिवकर - भारत-पाकिस्तान के बीच वाघा-अटारी सीमा पर एक ऐसी घटना घटी, जिसने दोनों देशों के बीच की दूरियों को पल भर के लिए भुला दिया। एक पाकिस्तानी महिला, जो अपने परिवार के साथ भारत आ रही थी, ने वाघा बॉर्डर के पास ही एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया। इस नवजात का नाम सुनकर हर हिंदुस्तानी का चेहरा खुशी और गर्व से खिल उठेगा, क्योंकि इस बच्ची का नाम रखा गया है 'भारती'—भारत के नाम पर। यह घटना न केवल एक मां की ममता और सीमा पार की एकता की मिसाल है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि इंसानियत की कोई सरहद नहीं होती। 

क्या हुआ था उस दिन?

गुरुवार, 3 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 159 हिंदू प्रवासियों का एक समूह वाघा-अटारी सीमा के रास्ते भारत में प्रवेश कर रहा था। इस समूह में शामिल एक गर्भवती महिला, जिसका नाम माया बताया जा रहा है, को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। वह सीमा पार करते ही भारतीय क्षेत्र में पहुंची थीं कि उनकी हालत बिगड़ने लगी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और आप्रवासन अधिकारियों ने तुरंत उनकी औपचारिकताएं पूरी कीं और उन्हें अटारी के एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। वहां कुछ ही देर में माया ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।

'भारती' नाम की कहानी

जन्म के बाद परिवार और स्थानीय लोगों ने मिलकर इस बच्ची का नाम 'भारती' रखा, जो भारत का प्रतीक है। यह नाम इसलिए भी खास है क्योंकि यह उस जगह को सम्मान देता है जहां बच्ची ने पहली सांस ली। माया और उनके पति के लिए यह उनकी आठवीं बेटी और कुल दसवां बच्चा है। इस जोड़े ने इसे एक सुखद संयोग माना और भारत की धरती को अपनी बेटी के जन्म का गवाह बनने के लिए धन्यवाद दिया। परिवार का कहना है कि यह नाम दोनों देशों के बीच सौहार्द और एकता का प्रतीक है।

स्थानीय लोगों का उत्साह

अटारी के निवासी विजय वर्मा और उनके साथियों ने इस खुशी के मौके को और खास बना दिया। वे नर्सिंग होम पहुंचे, नवजात और उसके परिवार को मिठाइयां भेंट कीं और नवरात्रि के उत्सव के साथ इस जन्म को जोड़कर खुशी मनाई। विजय ने कहा, "यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। एक पाकिस्तानी दंपति की बेटी का जन्म भारत में हुआ और उसका नाम भारती रखा गया—यह सच्ची एकता की मिसाल है।" इस घटना ने सीमा के दोनों ओर के लोगों के दिलों को छू लिया।

पहले भी हुई ऐसी घटना

यह कोई पहला मौका नहीं है जब वाघा-अटारी सीमा पर ऐसा चमत्कार हुआ हो। इससे पहले 2 दिसंबर 2021 को भी एक पाकिस्तानी हिंदू महिला, निंबू बाई, ने अटारी बॉर्डर पर एक बेटे को जन्म दिया था। उस घटना ने भी लोगों का ध्यान खींचा था और दोनों देशों के बीच मानवीय रिश्तों की मिठास को दर्शाया था।

एकता का संदेश

यह घटना उस समय हुई जब भारत में नवरात्रि का उत्सव चल रहा था, जो शक्ति और नए जीवन का प्रतीक है। 'भारती' का जन्म न केवल एक परिवार के लिए खुशी का क्षण है, बल्कि यह दोनों देशों के लोगों के बीच प्यार और भाईचारे का संदेश भी देता है। माया और उनके परिवार ने भारत की मेहमाननवाजी और त्वरित मदद की सराहना की, जिसके कारण मां और बच्ची दोनों स्वस्थ हैं।

इस छोटी सी 'भारती' ने अपनी पहली सांस के साथ ही एक बड़ी कहानी लिख दी—एक ऐसी कहानी जो सरहदों को पार कर दिलों को जोड़ती है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी जटिल हों, इंसानियत और ममता हमेशा जीतती है।