फलोदी हत्याकांड: पैसों के झगड़े ने छीनी तीन मासूमों की जिंदगी, मां-बाप ने रची खौफनाक साजिश
फलोदी के कालू पाबूजी गांव में 14 अप्रैल 2025 की रात शिवलाल और उसकी पत्नी जतनो देवी ने अपने तीन बच्चों की जहर देकर और गला रेतकर हत्या कर दी। इसके बाद दोनों ने आत्महत्या की कोशिश की, लेकिन बच गए। हत्याकांड की वजह पैसों को लेकर पति-पत्नी में बार-बार होने वाला झगड़ा था।

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर - जोधपुर, 14 अप्रैल 2025: राजस्थान के फलोदी के कालू पाबूजी गांव में एक दिल दहलाने वाली घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। एक मां-बाप ने अपने ही तीन मासूम बच्चों की पहले जहर देकर और फिर गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी। इसके बाद दोनों ने खुद भी आत्महत्या की कोशिश की। इस घटना के पीछे की वजह पति-पत्नी के बीच पैसों को लेकर बार-बार होने वाला झगड़ा बताया जा रहा है।
खौफनाक वारदात की रात
14 अप्रैल की देर रात, शिवलाल और उसकी पत्नी जतनो देवी ने अपने तीन बच्चों—दो बेटियों और एक बेटे—को पहले कीटनाशक मिला खाना खिलाया। बच्चे बेहोश हो गए। इसके बाद दंपती ने ब्लेड से बच्चों के हाथों की नसें काट दीं। सबसे छोटी बेटी, मात्र 24 महीने की नत्थू, का गला उसकी मां जतनो ने खुद रेता। पुलिस के मुताबिक, नत्थू का गला इतनी बेरहमी से काटा गया कि उसकी सांस की नली तक अलग हो गई। बच्चों की मौत सुनिश्चित करने के बाद, शिवलाल और जतनो ने अपनी कलाई की नसें काटकर आत्महत्या की कोशिश की, लेकिन वे बच गए। दोनों को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
पैसों का झगड़ा बना हत्याकांड की जड़
अस्पताल में भर्ती जतनो ने पुलिस की शुरुआती पूछताछ में बताया कि उस रात शिवलाल के साथ उसका पैसों को लेकर तीखा झगड़ा हुआ था। तीन दिन पहले, शिवलाल की मां ने घर खर्च और अपनी देखभाल के लिए पैसे मांगे थे। शिवलाल का छोटा भाई नरेश आर्थिक रूप से कमजोर है, जिसके चलते माता-पिता की सारी जिम्मेदारी शिवलाल पर थी। इस बात को लेकर पति-पत्नी में अक्सर तनाव रहता था। जतनो ने बताया कि झगड़े के दौरान शिवलाल ने पूरे परिवार को खत्म करने का फैसला कर लिया, और उसने इस साजिश में उसका साथ दिया।
शिवलाल ने पहले ही बना लिया था मन
पुलिस जांच में सामने आया कि शिवलाल ने इस हत्याकांड की योजना पहले ही बना ली थी। शिवलाल के पिता दीनाराम (57) ने बताया कि घटना वाले दिन उत्तराखंड में शिवलाल की कंपनी से उसे काम के लिए फोन आया था। कंपनी ने एक मशीन के काम के लिए उसे बुलाया, लेकिन शिवलाल ने आने से मना कर दिया। दीनाराम के मुताबिक, शिवलाल ने उनके फोन से ही कंपनी से बात की थी, और उसकी बातों से जरा भी नहीं लगा कि वह इतना खौफनाक कदम उठाने वाला है।
दीनाराम ने आगे बताया, “रात 8 से 9 बजे के बीच वह मेरे कमरे में अपना मोबाइल चार्ज करने आया था। उसके हाव-भाव बिल्कुल सामान्य थे।” इस बात से साफ है कि शिवलाल ने अपनी मंशा को पूरी तरह छिपाकर रखा था।
परिवार की आर्थिक स्थिति और तनाव
पुलिस के अनुसार, शिवलाल और जतनो की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। शिवलाल अस्थायी नौकरी करता था, और परिवार की सारी जिम्मेदारी उसी पर थी। माता-पिता की बार-बार पैसे की मांग और छोटे भाई की आर्थिक कमजोरी ने शिवलाल पर मानसिक दबाव बढ़ा दिया था। यह दबाव इतना बढ़ गया कि उसने अपनी पत्नी के साथ मिलकर इस जघन्य अपराध को अंजाम दे दिया।
गांव में सन्नाटा, समाज में सवाल
इस घटना ने कालू पाबूजी गांव में सन्नाटा पसार दिया है। स्थानीय लोग सदमे में हैं और इस बात पर हैरानी जता रहे हैं कि कोई माता-पिता अपने बच्चों के साथ इतनी क्रूरता कैसे कर सकता है। सोशल मीडिया पर भी इस घटना की तीखी निंदा हो रही है। एक यूजर ने लिखा, “ये समाज किस ओर जा रहा है? रिश्तों की कोई अहमियत नहीं रही।”
पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई
फलोदी पुलिस ने इस मामले में हत्या और आत्महत्या के प्रयास का केस दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक (जोधपुर) ने बताया कि शिवलाल और जतनो से अस्पताल में पूछताछ जारी है। दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बच्चों के शवों का पोस्टमॉर्टम करवाया गया है, और कीटनाशक की पुष्टि के लिए सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं।