"पर्ची बयान से फोन टैपिंग तक: कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा का नया दांव, 9 महीने के नुकसान की भरपाई का वादा"

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर - जयपुर, 31 मार्च 2025: राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने हाल ही में अपने विवादित "पर्ची बयान" पर सफाई दी और इसे पुरानी बात बताकर टाल दिया। सोमवार को कोटा में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "ये तो पुरानी बात हो गई, आई-गई बात को क्यों कुरेदते हो?" मीणा ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार से कोई नाराजगी नहीं थी और अब दिल्ली हाईकमान के निर्देश पर पिछले 5-6 दिनों से सक्रिय हो गए हैं।
इस्तीफे और निष्क्रियता का खुलासा
कृषि मंत्री ने बताया कि लोकसभा चुनाव में सीट हारने के बाद उन्होंने नैतिकता के आधार पर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके चलते वे पिछले 9 महीनों तक काम नहीं कर पाए। उन्होंने कहा, "हार के बाद मैंने इस्तीफा दिया था, इसलिए सक्रिय नहीं रहा। अब नेतृत्व से आदेश मिला है कि काम करो। जो 9 महीने में नुकसान हुआ, उसे जल्द से जल्द पूरा करेंगे।" मीणा का यह बयान उनकी वापसी और सक्रियता को लेकर चर्चा का विषय बन गया है।
सवाई माधोपुर में दिया था 'पर्ची' का बयान
इससे एक दिन पहले, 30 मार्च को सवाई माधोपुर में मीणा ने अपने चुनावी हार के पीछे साजिश का जिक्र किया था। उन्होंने कहा, "ऐसी कोई ताकत नहीं बची थी, जिसने मुझे चुनाव हराने की कोशिश न की हो। घर के भी, बाहर के भी... बाद में पर्ची में हो गया, तो हम भी क्या करते?" इस बयान से उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच बहस छिड़ गई थी। मीणा ने यह भी कहा कि वे सवाई माधोपुर से जब-जब जीते, तभी मंत्री बने। इस बयान को लेकर विपक्ष ने उन पर निशाना साधा था, लेकिन अब मीणा ने इसे पुरानी बात बताकर पल्ला झाड़ लिया।
कोटा में फोन टैपिंग पर चुप्पी
सोमवार को मीणा कोटा में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के भतीजे की मौत पर संवेदना व्यक्त करने पहुंचे थे। इस दौरान जब मीडिया ने उनसे फोन टैपिंग से जुड़ा सवाल पूछा, तो मंत्री ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया और चुप्पी साध ली। उनकी यह खामोशी राजनीतिक गलियारों में नए सवाल खड़े कर रही है।
सक्रियता का वादा, क्या पूरा होगा?
मीणा के इस बयान से साफ है कि वे अब अपनी निष्क्रियता को पीछे छोड़कर सरकार और संगठन के लिए सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार हैं। उनके समर्थकों का मानना है कि हाईकमान के निर्देश के बाद वे कृषि क्षेत्र में पिछड़े हुए कार्यों को गति देंगे। हालांकि, विपक्षी नेताओं ने उनके 'पर्ची' बयान को लेकर तंज कसा है और इसे उनकी हार की हताशा करार दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मीणा की सक्रियता और 9 महीने के नुकसान की भरपाई का वादा कितना साकार होगा, यह आने वाले दिनों में उनके कामकाज से ही पता चलेगा। फिलहाल, उनकी वापसी और बयानों ने राजस्थान की सियासत में हलचल जरूर मचा दी है।