प्रवासी राजस्थानियों को राजस्थान दिवस के चार दिन बाद बड़ी सौगात: विशेष ट्रेनों का तोहफा,सांसद लुंबाराम चौधरी, सहित मारवाड़ के नेताओं की मेहनत रंग लाई

राजस्थान दिवस के चार दिन बाद, 4 अप्रैल 2025 को प्रवासी राजस्थानियों के लिए विशेष ट्रेनों की घोषणा हुई। जालोर-सिरोही से सांसद लुंबाराम चौधरी, जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत, बाड़मेर से कैलाश चौधरी, पाली से पी.पी. चौधरी और देवजी भाई सहित मारवाड़ के नेताओं की मेहनत से यह संभव हुआ। लंबे समय से माँग रही बेहतर रेल सुविधाओं की कमी से परेशान प्रवासियों को अब दक्षिण भारत से राजस्थान तक सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी। यह कदम न केवल उनकी यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और भावनात्मक रिश्तों को भी मजबूत करेगा।

प्रवासी राजस्थानियों को राजस्थान दिवस के चार दिन बाद बड़ी सौगात: विशेष ट्रेनों का तोहफा,सांसद लुंबाराम चौधरी, सहित मारवाड़ के नेताओं की मेहनत रंग लाई

जयपुर, 4 अप्रैल 2025: राजस्थान दिवस के चार दिन बाद प्रवासी राजस्थानियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। लंबे समय से अपनी मांग को लेकर संघर्ष कर रहे प्रवासियों के लिए भारतीय रेलवे ने विशेष ट्रेनों के संचालन की घोषणा की है। इस पहल के पीछे जालोर-सिरोही से सांसद लुंबाराम चौधरी, जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत, बाड़मेर से कैलाश चौधरी, पाली से पी.पी. चौधरी, और जालोर-सिरोही से देवजी भाई की अथक मेहनत रही है। इनके साथ मारवाड़ क्षेत्र के अन्य मौजूदा सांसद, पूर्व सांसद और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुहिम में योगदान दिया। रेल शुरू करवाने वाली संघर्ष समितियों, विभिन्न संगठनों और आम लोगों के लंबे संघर्ष की यह जीत है। इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू का भी आभार जताया जा रहा है। ये ट्रेनें प्रवासियों के लिए यात्रा को आसान बनाएंगी और उन्हें अपने राज्य व संस्कृति से जोड़े रखेंगी।

लंबे समय से थी मांग, क्या थीं दिक्कतें?

देश के कोने-कोने में बसे राजस्थानियों, खासकर दक्षिण भारत में रहने वाले प्रवासियों ने अपने गृह राज्य आने-जाने के लिए बेहतर रेल सुविधाओं की माँग लंबे समय से की थी। त्योहारों, शादियों और राजस्थान दिवस जैसे खास मौकों पर यह जरूरत और बढ़ जाती थी। लेकिन सीमित ट्रेनों की उपलब्धता, लंबी वेटिंग लिस्ट, महँगी हवाई यात्रा और लंबी दूरी की बसों में असुविधा जैसी दिक्कतें उनके सामने थीं। कई बार टिकट न मिलने से वे अपने परिवार से नहीं मिल पाते थे, जिससे भावनात्मक दूरी बढ़ रही थी। प्रवासियों की ये शिकायतें सालों से अनसुनी थीं, और इसे लेकर विभिन्न संगठनों और संघर्ष समितियों ने आवाज उठाई थी। सड़क से लेकर रेल मंत्रालय के दरवाजे तक प्रदर्शन और माँगपत्र सौंपे गए थे।

नेताओं और संगठनों का संघर्ष

इस माँग को हकीकत में बदलने के लिए सांसद लुंबाराम चौधरी, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, पी.पी. चौधरी और देवजी भाई ने दिन-रात एक कर दिया। इन नेताओं ने संसद में इस मुद्दे को उठाया, रेल मंत्रालय से लगातार संपर्क बनाए रखा और प्रवासियों की परेशानियों को सामने लाया। मारवाड़ के अन्य स्थानीय नेताओं ने भी अपने स्तर पर इस माँग को मजबूत किया। इसके अलावा, प्रवासी राजस्थानी संगठनों, संघर्ष समितियों और आम लोगों ने भी इस लड़ाई में हिस्सा लिया। कई बार धरने, ज्ञापन और सामूहिक माँगपत्रों के जरिए दबाव बनाया गया। यह एकजुटता और मेहनत आखिरकार रंग लाई, और विशेष ट्रेनों की घोषणा इस संघर्ष की जीत बनकर सामने आई।

राजस्थान दिवस के बाद की राहत

30 मार्च को मनाया जाने वाला राजस्थान दिवस राज्य की संस्कृति, इतिहास और एकता का प्रतीक है। इस मौके पर अपने घर लौटना प्रवासियों की परंपरा रही है। इस साल इसके चार दिन बाद, 4 अप्रैल 2025 को यह घोषणा हुई। जो लोग इस बार राजस्थान दिवस पर नहीं आ सके, उनके लिए ये ट्रेनें राहत लेकर आई हैं। यह कदम न सिर्फ उनकी यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि उनके लिए अपने राज्य की मिट्टी से जुड़ने का मौका भी देगा।

अब क्या सुविधाएँ मिलीं?

इन विशेष ट्रेनों के शुरू होने से प्रवासियों को कई फायदे होंगे। दक्षिण भारत से राजस्थान तक सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे टिकट की मारामारी और लंबी वेटिंग की समस्या खत्म होगी। यात्रा का समय और खर्च कम होगा, और परिवार से मिलने की राह आसान हो जाएगी। ये ट्रेनें निम्नलिखित रूट्स पर चलेंगी:

1. बेंगलुरु से भगत की कोठी (ट्रेन संख्या: 06557/06558)

   रूट: बेंगलुरु (कर्नाटक) से जोधपुर (भगत की कोठी) वाया जालोर।  

   - प्रारंभ: 5 अप्रैल 2025 से।  

   - संभावित समय: बेंगलुरु से रात 8:00 बजे, भगत की कोठी सुबह 5:00-7:00 बजे।  

2. **ईरोड से बाड़मेर (ट्रेन संख्या: 06097/06098)**  

   - **रूट**: ईरोड (तमिलनाडु) से बाड़मेर वाया जालोर।  

   - **प्रारंभ**: 8 अप्रैल 2025 से।  

   - **संभावित समय**: ईरोड से शाम 6:00 बजे, बाड़मेर तीसरे दिन सुबह 8:00-10:00 बजे।  

3. **चेन्नई से भगत की कोठी (ट्रेन संख्या: अज्ञात)**  

   - **रूट**: चेन्नई (तमिलनाडु) से जोधपुर (भगत की कोठी)।  

   - **प्रारंभ**: 5 अप्रैल 2025 से।  

   - **संभावित समय**: चेन्नई से रात 7:00 बजे, भगत की कोठी तीसरे दिन सुबह 7:00-9:00 बजे।  

4. **कोयंबटूर से भगत की कोठी (ट्रेन संख्या: अज्ञात)**  

   - **रूट**: कोयंबटूर (तमिलनाडु) से जोधपुर (भगत की कोठी)।  

   - **प्रारंभ**: 8 अप्रैल 2025 से।  

   - **संभावित समय**: कोयंबटूर से शाम 5:00 बजे, भगत की कोठी तीसरे दिन सुबह 6:00-8:00 बजे।  

क्या हैं संभावनाएँ?

इन ट्रेनों से न सिर्फ प्रवासियों को राहत मिलेगी, बल्कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था को भी नई गति मिलेगी। त्योहारों, शादियों और खास मौकों पर घर आने वाले लोग स्थानीय बाजारों में खरीदारी करेंगे, पर्यटन को बढ़ावा देंगे और व्यापार को फायदा पहुँचाएंगे। इससे गाँवों और शहरों के बीच आर्थिक जुड़ाव मजबूत होगा। साथ ही, प्रवासियों और उनके परिवारों के बीच भावनात्मक रिश्ते गहरे होंगे। अगर यह पहल सफल रही, तो भविष्य में और रूट्स पर ट्रेनें शुरू हो सकती हैं, जिससे राजस्थान और देश के अन्य हिस्सों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

प्रवासियों में उत्साह

इस घोषणा से प्रवासियों में खुशी की लहर है। सोशल मीडिया पर लोग सांसद लुंबाराम चौधरी, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, पी.पी. चौधरी, देवजी भाई, मारवाड़ के अन्य नेताओं, संघर्ष समितियों, संगठनों, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और रेल मंत्रालय का धन्यवाद दे रहे हैं। मुंबई के एक प्रवासी ने कहा, “अब त्योहारों पर घर जाना आसान होगा। ये हमारे लिए सपना सच होने जैसा है।” दिल्ली के एक अन्य प्रवासी ने इसे “संघर्ष की सबसे बड़ी जीत” बताया।

आगे का रास्ता

रेलवे जल्द ही इन ट्रेनों की पूरी समय-सारिणी और रूट की जानकारी साझा करेगा। लुंबाराम चौधरी और अन्य नेता यह सुनिश्चित करेंगे कि ये ट्रेनें प्रवासियों की जरूरतों के मुताबिक चलें। यह कदम नेताओं की मेहनत, संगठनों के संघर्ष और सरकार की संवेदनशीलता का नतीजा है, जो प्रवासी राजस्थानियों के लिए नई उम्मीद की किरण बनकर उभरा है।

---