राजस्थान सरकार की पंचतीर्थ योजना: दलित समाज को मिलेगा लंदन समेत बाबा साहेब के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण

राजस्थान सरकार ने 'डॉ. भीमराव अंबेडकर पंचतीर्थ योजना' शुरू की है, जिसके तहत दलित समुदाय के लोग सरकारी खर्चे पर भारत के पांच महत्वपूर्ण स्थानों और लंदन में बाबा साहेब अंबेडकर से जुड़े स्थलों का भ्रमण करेंगे।

राजस्थान सरकार की पंचतीर्थ योजना: दलित समाज को मिलेगा लंदन समेत बाबा साहेब के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण

जयपुर, 19 अप्रैल 2025: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने दलित समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक पहल शुरू की है, जिसके तहत समाज के लोग सरकारी खर्चे पर न केवल भारत में बल्कि लंदन तक की यात्रा कर सकेंगे। इस योजना का नाम 'डॉ. भीमराव अंबेडकर पंचतीर्थ योजना' है, जिसे हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने लॉन्च किया। इस योजना का उद्देश्य दलित समाज को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन और उनके योगदान से जुड़े महत्वपूर्ण स्थानों से जोड़ना है, ताकि लोग उनके संघर्ष, शिक्षा और सामाजिक न्याय के लिए किए गए कार्यों को करीब से समझ सकें।

पंचतीर्थ योजना का स्वरूप और उद्देश्य

डॉ. भीमराव अंबेडकर पंचतीर्थ योजना के तहत 50 लोगों का एक दल बस के माध्यम से भारत के विभिन्न राज्यों में बाबा साहेब से जुड़े पांच प्रमुख स्थानों की यात्रा करेगा। इनमें शामिल हैं:

महू (मध्य प्रदेश): जहां बाबा साहेब का जन्म हुआ।

नागपुर (महाराष्ट्र): दीक्षा भूमि, जहां अंबेडकर ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया।

दिल्ली: महापरिनिर्वाण भूमि, जहां उनका निधन हुआ।

मुंबई (महाराष्ट्र): चैत्य भूमि, उनका स्मारक स्थल।

लंदन (यूके): वह घर जहां अंबेडकर ने वकालत की पढ़ाई के दौरान निवास किया।

इनमें से लंदन का घर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वही स्थान है जहां बाबा साहेब ने अपनी लॉ की पढ़ाई की थी। भारत सरकार ने इस घर को खरीदकर इसे स्मारक के रूप में विकसित किया है। इस योजना के तहत चयनित लोग इस ऐतिहासिक स्थल का मुफ्त में भ्रमण कर सकेंगे।

लंदन यात्रा: एक अनूठी पहल

पंचतीर्थ योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें लंदन की यात्रा को शामिल किया गया है। राजस्थान सरकार पूरी तरह से सरकारी खर्चे पर चयनित लोगों को लंदन ले जाएगी। यात्रा के दौरान आवास, भोजन और परिवहन की सुविधा भी सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। यह पहल न केवल दलित समुदाय के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि सामाजिक समरसता और जागरूकता को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

योजना का संचालन और जिम्मेदारी

इस योजना के सुचारू संचालन की जिम्मेदारी राजस्थान के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को सौंपी गई है। मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि यात्रा में शामिल होने वाले लोगों का चयन पारदर्शी तरीके से हो और उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा, "यह योजना बाबा साहेब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने और दलित समाज को उनके योगदान से प्रेरित करने का एक प्रयास है। लंदन यात्रा इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो लोगों को बाबा साहेब के वैश्विक दृष्टिकोण से परिचित कराएगी।"

लोगों में उत्साह और योजना का महत्व

योजना की घोषणा के बाद से राजस्थान के दलित समुदाय में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। यह योजना न केवल बाबा साहेब के जीवन से जुड़े स्थानों को देखने का अवसर प्रदान करेगी, बल्कि उनके संविधान निर्माण, सामाजिक समानता और शिक्षा के प्रति समर्पण को भी रेखांकित करेगी। यह पहल दलित समुदाय के बीच आत्मविश्वास और प्रेरणा जगाने में भी मददगार साबित होगी।

बीजेपी के चुनावी वादे का हिस्सा

यह योजना भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उस चुनावी वादे का हिस्सा है, जिसमें कहा गया था कि यदि पार्टी सत्ता में आती है, तो दलित समाज को डॉ. अंबेडकर के पंचतीर्थों की यात्रा करवाई जाएगी। भजनलाल सरकार ने इस वादे को पूरा करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने भी 2023 में अपनी तीर्थ दर्शन योजना में पंचतीर्थों को शामिल किया था।