राजस्थानियों के लिए राहत भरी खबर: अब देशभर में मुफ्त इलाज की सुविधा, जानें कैसे मिलेगा लाभ

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर - लाखों राजस्थानियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अब मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना (MAAY) में पंजीकृत मरीज न केवल राजस्थान में, बल्कि देश के किसी भी राज्य के अस्पतालों में मुफ्त इलाज करा सकेंगे। इसके लिए राजस्थान सरकार जल्द ही 'इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी' नियम लागू करने जा रही है। यह कदम न सिर्फ राजस्थान के निवासियों के लिए बल्कि अन्य राज्यों में नौकरी या अन्य कारणों से रह रहे मूल राजस्थानियों के लिए भी वरदान साबित होगा। साथ ही, अन्य राज्यों के मरीज भी राजस्थान में आकर इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
क्या है इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी?
इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी का मतलब है कि मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के लाभार्थी अब अपने राज्य की सीमाओं से बाहर भी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे। यह सुविधा खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी जो नौकरी, पढ़ाई या अन्य कारणों से राजस्थान से बाहर रहते हैं। इसके अलावा, अन्य राज्यों के मरीज भी राजस्थान के सरकारी और निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज करा सकेंगे, बशर्ते वे इस योजना के तहत पात्र हों।
दूसरे राज्य के निवासियों को लाभ कैसे मिलेगा?
अन्य राज्यों के मरीजों को राजस्थान में मुफ्त इलाज का लाभ लेने के लिए मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत पंजीकरण कराना होगा। यह सुविधा तब लागू होगी जब राज्य सरकार इस योजना को अन्य राज्यों के साथ पारस्परिक रूप से जोड़ेगी। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने हाल ही में घोषणा की थी कि अगले चार महीनों में राजस्थान के लोग देश के किसी भी राज्य में इलाज करा सकेंगे, और एक महीने बाद अन्य राज्यों के मरीज भी राजस्थान में इलाज के लिए आ सकेंगे। इसके लिए बीमा कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है ताकि यह व्यवस्था सुचारू रूप से लागू हो सके।
नियम व शर्तें क्या होंगी?
हालांकि अभी तक सरकार ने इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी के लिए विस्तृत नियम और शर्तें जारी नहीं की हैं, लेकिन कुछ संभावित शर्तें इस प्रकार हो सकती हैं:
पंजीकरण जरूरी: लाभ लेने के लिए मरीज का योजना में पंजीकृत होना अनिवार्य होगा।
पहचान पत्र: आधार कार्ड, जन आधार कार्ड या योजना के तहत जारी ई-कार्ड जैसे दस्तावेजों की जरूरत पड़ सकती है।
अस्पतालों की सूची: केवल योजना से संबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों में ही यह सुविधा मिलेगी।
पात्रता मानदंड: अन्य राज्यों के मरीजों को यह साबित करना होगा कि वे अपने राज्य में समान योजना के तहत पात्र हैं या राजस्थान सरकार द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हैं।
प्री-अप्रूवल: कुछ मामलों में इलाज शुरू करने से पहले प्री-अप्रूवल की आवश्यकता हो सकती है, जैसा कि वर्तमान में राजस्थान में लागू है।
इन नियमों का अंतिम स्वरूप सरकार द्वारा जल्द ही घोषित किया जाएगा।
कितने तक का इलाज होगा मुफ्त?
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत वर्तमान में पंजीकृत परिवारों को 25 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा और 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा कवर मिलता है। इंटर स्टेट पोर्टेबिलिटी लागू होने के बाद भी यही सीमा अन्य राज्यों में इलाज के लिए लागू रहने की संभावना है। हालांकि, सरकार इस राशि को बढ़ाने पर भी विचार कर रही है, जिससे लाभार्थियों को और बेहतर सुविधाएं मिल सकें। इलाज की यह राशि कैशलेस आधार पर उपलब्ध होगी, यानी मरीज को अस्पताल में कोई भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
बाहरी राज्य के मरीजों को राजस्थान में मुफ्त इलाज के लिए क्या करना होगा?
अन्य राज्यों के मरीजों को राजस्थान में इस योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित कदम उठाने होंगे:
पंजीकरण: सबसे पहले उन्हें अपने राज्य की समान स्वास्थ्य योजना या मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में पंजीकरण कराना होगा। यदि उनके राज्य में ऐसी कोई योजना नहीं है, तो उन्हें राजस्थान सरकार के पोर्टल पर आवेदन करना पड़ सकता है।
दस्तावेज जमा करें: जन आधार कार्ड, आधार कार्ड, या अन्य पहचान पत्र के साथ आवेदन करना होगा।
ई-कार्ड प्राप्त करें: पंजीकरण के बाद जारी होने वाला ई-कार्ड इलाज के लिए जरूरी होगा।
सूचीबद्ध अस्पताल चुनें: राजस्थान में योजना से संबद्ध अस्पतालों की सूची देखकर वहां संपर्क करना होगा।
सत्यापन प्रक्रिया: अस्पताल में बायोमेट्रिक सत्यापन और दस्तावेज जांच के बाद इलाज शुरू होगा।
क्यों है यह योजना खास?
यह कदम राजस्थान को देश में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। इससे न केवल राजस्थान के मूल निवासियों को लाभ होगा, बल्कि अन्य राज्यों के मरीजों को भी बेहतर इलाज का विकल्प मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि हर जरूरतमंद व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, चाहे वह कहीं भी हो।