भोपे के भयावह मंसूबे: इलाज के बहाने विवाहिता से रेप, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद

लाधुराम ने जादू-टोने का दावा करते हुए पीड़िता को नारियल देकर रात में अपने पास रखने को कहा और बीमारी ठीक करने का भरोसा दिलाया।

भोपे के भयावह मंसूबे: इलाज के बहाने विवाहिता से रेप, कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद

बाड़मेर: तांत्रिक के खौफनाक मंजर ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर दिया। इलाज का झांसा देकर एक बीमार विवाहिता को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले 70 वर्षीय तांत्रिक को बाड़मेर की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। चाकू की नोक पर दरिंदगी को अंजाम देने वाले इस मामले ने समाज में तांत्रिकों के नाम पर फैले अंधविश्वास और अपराध को उजागर किया है।

घटना 5 मई 2020 को बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना थाना क्षेत्र में सामने आई थी। पीड़िता, एक 19 वर्षीय विवाहिता, लंबे समय से बीमारी से जूझ रही थी। इलाज में राहत न मिलने पर परिजनों ने उसे कबूली गांव के तांत्रिक लाधुराम पुत्र हरीराम के पास ले जाने की सलाह दी। लाधुराम ने जादू-टोने का दावा करते हुए पीड़िता को नारियल देकर रात में अपने पास रखने को कहा और बीमारी ठीक करने का भरोसा दिलाया।

रेप का घिनौना खेल: 4 मई 2020 को तांत्रिक पीड़िता के घर पहुंचा। उसने पीड़िता के पति और जेठ को बुलाकर दावा किया कि पीड़िता के पीहर में भूत का साया है, जिसे हटाने के लिए उसके पीहर गांव नाडी में पूजा करनी होगी। अगले दिन तांत्रिक पीड़िता, उसके पति और जेठ को लेकर नाडी गांव पहुंचा। उसने पति और जेठ को गाड़ी में रुकने को कहा और पूजा के बहाने पीड़िता को अकेले वीरान जगह पर ले गया। वहां चाकू की नोक पर उसे डराकर रेप किया। तांत्रिक की धमकी थी कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देगा।

लंबे समय तक पीड़िता के न लौटने पर पति और जेठ ने टॉर्च की रोशनी में उसकी तलाश शुरू की। मौके पर पहुंचने पर उन्होंने तांत्रिक को रंगे हाथों पकड़ लिया और पीड़िता को बचाया। इसके बाद आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया गया।

कानूनी कार्रवाई और सजा: धोरीमन्ना थाने में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 365, 384, 376(1), और 323 के तहत 200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। एडीजे कोर्ट संख्या-2 में 10 गवाहों के बयान और 27 दस्तावेज पेश किए गए। करीब 14 महीने की सुनवाई के बाद न्यायाधीश पीयूष चौधरी ने आरोपी लाधुराम को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न चुकाने पर दो साल की अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया गया।