ट्विटर पर छिड़ी सियासी जंग: सीएम भजनलाल और पूर्व सीएम अशोक गहलोत आमने-सामने

जयपुर, 26 मार्च 2025: राजस्थान की सियासत में एक बार फिर ट्विटर (अब X) चर्चा का केंद्र बन गया है। मौजूदा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच सोशल मीडिया पर शुरू हुई तीखी नोकझोंक ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। यह वाकया उस समय शुरू हुआ जब सीएम भजनलाल ने बीकानेर में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान गहलोत पर तंज कसा और कहा कि वह विधानसभा में नजर नहीं आते, बल्कि सिर्फ ट्विटर पर सक्रिय रहते हैं। इस बयान के जवाब में गहलोत ने भी पलटवार करते हुए ट्विटर पर अपनी बात रखी और इसे सियासी मुद्दा बना दिया।
भजनलाल का तंज: "ट्विटर से काम नहीं चलता"
बीकानेर में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा, "हमारे एक पूर्व मुख्यमंत्री जी विधानसभा में एक दिन भी नहीं आते, लेकिन ट्विटर पर चलते हैं। ट्विटर पर रहने से काम नहीं चलता, जनता के बीच में जाना पड़ता है।" भजनलाल का यह बयान गहलोत की सोशल मीडिया सक्रियता पर कटाक्ष था, जो पिछले कुछ समय से अपने ट्वीट्स के जरिए राज्य सरकार की नीतियों और कमियों पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। भजनलाल ने आगे कहा, "सुर्खियों में रहने के लिए ट्विटर का सहारा लेते हैं, लेकिन अपने पुराने ट्वीट्स तो देख लीजिए। जनता का काम जमीन पर उतरकर होता है।"
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। बीजेपी समर्थकों ने इसे गहलोत के खिलाफ एक सटीक हमला बताया, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे व्यक्तिगत टिप्पणी करार देते हुए भजनलाल की आलोचना शुरू कर दी।
गहलोत का करारा जवाब: "ट्वीट्स से सरकार की कमियां उजागर"
भजनलाल के बयान के कुछ ही घंटों बाद अशोक गहलोत ने ट्विटर पर जवाब दिया। उन्होंने लिखा, "आज मुख्यमंत्री जी ने एक सरकारी कार्यक्रम में जनता की शिकायतें बताने वाले और सरकार की कमियां उजागर करने वाले मेरे ट्वीट्स पर टिप्पणी की। मैं विधानसभा में अपनी जिम्मेदारी निभाता हूं और जनता की आवाज सोशल मीडिया के जरिए भी उठाता हूं। यह मेरा अधिकार और कर्तव्य दोनों है।" गहलोत ने आगे कहा, "मुख्यमंत्री को मेरे ट्वीट्स से परेशानी हो रही है, लेकिन उन्हें जनता के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि ट्विटर पर मेरी सक्रियता पर सवाल उठाने चाहिए।"
गहलोत ने अपने ट्वीट में यह भी जोड़ा कि वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल इसलिए करते हैं ताकि जनता तक सीधे अपनी बात पहुंचा सकें और सरकार की नाकामियों को उजागर कर सकें। उनके इस जवाब ने साफ कर दिया कि वह भजनलाल के तंज को चुपचाप सहन करने के मूड में नहीं हैं।
ट्विटर वॉर का सियासी मायने
यह ट्विटर वॉर महज व्यक्तिगत टिप्पणियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरा सियासी संदर्भ भी है। भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पिछले कुछ महीनों से गहलोत के लगातार हमलों का सामना कर रही है। गहलोत अपने ट्वीट्स के जरिए राज्य में बिजली संकट, बेरोजगारी, और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरते रहे हैं। दूसरी ओर, बीजेपी का आरोप है कि गहल ghat अपने कार्यकाल की नाकामियों को छिपाने के लिए सोशल मीडिया पर सक्रियता दिखा रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह नोकझोंक दोनों नेताओं के बीच की पुरानी सियासी रंजिश का नतीजा है। गहलोत, जो कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं और तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, अपनी सियासी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया को हथियार बना रहे हैं। वहीं, भजनलाल शर्मा, जो पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं, अपनी सरकार की छवि को मजबूत करने और विपक्ष को जवाब देने की कोशिश में हैं।
सोशल मीडिया पर जनता की प्रतिक्रिया
इस टकराव ने सोशल मीडिया यूजर्स को भी दो खेमों में बांट दिया है। बीजेपी समर्थकों ने भजनलाल के बयान को हाथोंहाथ लिया और गहलोत की आलोचना करते हुए कहा कि वह जमीन पर काम करने के बजाय ट्विटर पर समय बिता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "गहलोत जी को ट्विटर छोड़कर जनता के बीच आना चाहिए। ट्वीट से सियासत नहीं चलती।" वहीं, कांग्रेस समर्थकों ने गहलोत का बचाव करते हुए कहा कि वह जनता की आवाज उठा रहे हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा, "भजनलाल जी को ट्वीट्स से दिक्कत है क्योंकि गहलोत सरकार की पोल खोल रहे हैं।"
आगे क्या?
यह ट्विटर वॉर यहीं खत्म नहीं होने वाला। राजस्थान में विधानसभा सत्र जल्द शुरू होने वाला है, और माना जा रहा है कि यह सियासी जंग सदन के अंदर भी देखने को मिल सकती है। गहलोत पहले ही कह चुके हैं कि वह विधानसभा में अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वह सदन में सरकार को कैसे घेरते हैं। दूसरी ओर, भजनलाल सरकार भी विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए तैयार दिख रही है।
फिलहाल, यह साफ है कि ट्विटर पर शुरू हुई यह जंग राजस्थान की सियासत को नया रंग देने जा रही है। दोनों नेताओं के बीच की यह तकरार आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है, और जनता की नजर इस बात पर रहेगी कि इस सियासी खेल में अगला दांव कौन चलता है।