विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (RIC) का दौरा किया

आज विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (RIC) का दौरा किया। इस खास मौके पर उनकी अगवानी वन मंत्री संजय शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) अपर्णा अरोड़ा और हॉफ अरिजीत बनर्जी ने की। इस आयोजन में पर्यावरण संरक्षण और वन संवर्धन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के लिए कचनार के पौधों का रोपण भी किया गया। यह कार्यक्रम न केवल विश्व वानिकी दिवस की महत्ता को रेखांकित करता है, बल्कि राज्य में हरित विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुआ।

विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (RIC) का दौरा किया

जयपुर रिपोर्ट जसवंत सिंह:21 मार्च 2025: आज विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (RIC) का दौरा किया। इस खास मौके पर उनकी अगवानी वन मंत्री संजय शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) अपर्णा अरोड़ा और हॉफ अरिजीत बनर्जी ने की। इस आयोजन में पर्यावरण संरक्षण और वन संवर्धन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने के लिए कचनार के पौधों का रोपण भी किया गया। यह कार्यक्रम न केवल विश्व वानिकी दिवस की महत्ता को रेखांकित करता है, बल्कि राज्य में हरित विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुआ। 

विश्व वानिकी दिवस हर साल 21 मार्च को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य वनों के महत्व को उजागर करना और लोगों को इसके संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने RIC परिसर में आयोजित एक विशेष समारोह में हिस्सा लिया। उनके साथ वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विशेषज्ञ भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत कचनार के पौधों के रोपण से हुई, जो अपनी सुंदरता और पर्यावरणीय लाभों के लिए जाना जाता है। कचनार का पेड़ न केवल वातावरण को शुद्ध करता है, बल्कि जैव विविधता को बढ़ाने में भी योगदान देता है।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, "विश्व वानिकी दिवस हमारे लिए एक अवसर है कि हम प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और हरा-भरा राजस्थान छोड़ें। वन हमारे जीवन का आधार हैं, ये हमें ऑक्सीजन, जल और जैव विविधता प्रदान करते हैं।" उन्होंने राज्य सरकार की ओर से वृक्षारोपण और वन संरक्षण के लिए चलाई जा रही योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि राजस्थान जैसे रेगिस्तानी राज्य में वनों का विस्तार करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यह कार्य जनभागीदारी से ही संभव है।

वन मंत्री संजय शर्मा ने इस अवसर पर विभाग की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा, "हमारी सरकार पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। विश्व वानिकी दिवस के मौके पर कचनार जैसे पौधों का रोपण इस दिशा में एक प्रतीकात्मक कदम है। हमारा लक्ष्य है कि राज्य में वन क्षेत्र को बढ़ाया जाए और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जाए।" उन्होंने यह भी बताया कि वन विभाग ने हाल ही में कई अभियान शुरू किए हैं, जिनमें स्थानीय समुदायों को शामिल किया जा रहा है।

एसीएस अपर्णा अरोड़ा ने कार्यक्रम के आयोजन में प्रशासनिक सहयोग की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि RIC जैसे केंद्र न केवल सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का मंच हैं, बल्कि पर्यावरण जागरूकता के लिए भी एक प्रभावी माध्यम बन सकते हैं। हॉफ अरिजीत बनर्जी ने भी इस मौके पर अपने विचार रखे और वृक्षारोपण के महत्व पर बल दिया।

इस आयोजन में कचनार के पौधों के रोपण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण पर एक चर्चा सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने वनों के संरक्षण और सतत विकास पर अपने विचार साझा किए। यह कार्यक्रम राजस्थान में हरित भविष्य की दिशा में एक सकारात्मक संदेश लेकर आया।