जैसलमेर के म्याजलार गांव में मिली जिंदा एंटी-पर्सनल लैंडमाइन, क्षेत्र में मची अफरा-तफरी
जैसलमेर के म्याजलार गांव के समीप एक ढाणी में शनिवार को एक जिंदा एंटी-पर्सनल लैंडमाइन मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। जिला मुख्यालय से लगभग 125 किलोमीटर दूर म्याजलार गांव के पास किरत सिंह की ढाणी में भारत-पाक बॉर्डर पास पशु चरवाहों ने एंटी-पर्सनल लैंडमाइन को देखा।
The Khatak , जैसलमेर: जैसलमेर के म्याजलार गांव के समीप एक ढाणी में शनिवार को एक जिंदा एंटी-पर्सनल लैंडमाइन मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। जिला मुख्यालय से लगभग 125 किलोमीटर दूर म्याजलार गांव के पास किरत सिंह की ढाणी में भारत-पाक बॉर्डर पास पशु चरवाहों ने एंटी-पर्सनल लैंडमाइन को देखा।
चरवाहों ने इस बात की सूचना ग्रामीण जेठू सिंह भाटी को दी। जेठू सिंह व ग्रामीणों ने बीएसएफ और पुलिस को इस बारे में सूचना दी। झिंझनियाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची। थाना प्रभारी सुरजाराम ने बताया कि शनिवार को एक भेड़ चराने वाले शख्स ने भारत-पाक सीमा के 20 किमी अंदर एक सुनसान जगह पर जमीन में दबी माइन को देखा।
सूचना मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और प्रशासन के मार्फत भारतीय सेना के कंट्रोल रूम को भी इस की जानकारी दे दी है। अब सेना का बम निरोधक दस्ता मौके पर आएगा और वो ही इसे डिफ्यूज करने की कार्रवाई करेगा। बम निरोधक दस्ता नहीं आने तक यह एंटी-पर्सनल लैंडमाइन पर पुलिस का पहरा रहेगा। थाना प्रभारी ने बताया कि हमने एंटी-पर्सनल लैंडमाइन के चारों तरफ मिट्टी के कट्टे लगाकर सुरक्षित रख दिया है।
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एंटी-पर्सनल लैंड माइन का इस्तेमाल इंसानों के खिलाफ किया जाता है, जबकि एंटी-टैंक लैंड माइंस का इस्तेमाल भारी गाड़ियों के लिए किया जाता है। ये माइन घुसपैठियों और दुश्मन की पैदल सेना के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति के रूप में काम करते हैं। वे आकार में छोटे होते हैं और बड़ी संख्या में तैनात किये जा सकते हैं। वे सीमाओं पर दुश्मन सैनिकों को मार गिराने के लिए जमीन में दबाए जाते हैं और जैसे ही दुश्मन देश का सैनिक इस पर पांव रखेगा तो ये धमाके के साथ फटता है और दुश्मन सैनिक के परखचे उड़ा देता है।